क़सौली गोलीकांड के बाद होईकोर्ट भी अवैध कब्जाधारियों को बख़्शने के मूड में नहीं है। गुरुवार अवैध कब्जे पर सेब के बगीचे को लेकर सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने वन विभाग को सख़्त हिदायत दी हैं। कोर्ट ने कहा कि फॉरेस्ट डिपार्टमेंट बिना किसी बहानाबाजी के 2 हफ्ते के भीतर बड़े कब्जाधारियों पर कार्रवाई करे।
साथ ही कोर्ट ने 2 सप्ताह के बाद 11 जुलाई को विभाग को जवाब देने को भी कहा है। जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और सीबी बारोवालिया की बेंच ने आदेश दिए और हर रोज की कार्रवाई को बताने के लिए कहा। कोर्ट ने वन भूमि पर अवैध कब्जों के सबसे बड़े गोरखधंधे का असली दोषी राजस्व विभाग को माना है।
कोर्ट ने वन और राजस्व विभाग के कर्मियों को लास्ट वॉर्निंग देते हुए कहा कि यदि अगली सुनवाई तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो वे अवमानना के लिए तैयार रहे। कोर्ट ने अवैध कब्जों की सही जानकारी न देने पर कोटगढ़ कुमारसैन के डीएफओ के कार्रवाई की चेतावनी दी। गौरतलब है कि पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट के ध्यान में लाया गया था कि पिछले 4 वर्षों से वन विभाग हाईकोर्ट की आंखों में धूल झोंकता आ रहा है। वह छोटे-मोटे कब्जाधारियों की लिस्ट सौंपकर समय निकाल रहा है। इस दौरान कई लोगों ने चीफ जस्टिस व एमिकस क्यूरी को पत्र लिखकर बड़े कब्जाधारियों के नाम बताए थे।