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महिलाओं से जूते खाने वाले शंकर सिंह पर सरकार मेहरबान क्यों?

समाचार फर्स्ट डेस्क |

शंकर सिंह ठाकुर। एचआरटीसी का यूनियन लीडर। जो अपने ही कर्मचारियों को डराता था, धमकाता था, ऊपर तक रसूख ऐसा कि जिसे जब चाहें उसके पोजिशन में हेर-फेर करा दे। रसूख का ही तेवर ऐसा कि आला अधिकारियों को भी गाली देने और डांट पिलाने में कोई परहेज नहीं करता था। लेकिन, जब सिस्टम थकता है और आम लोगों पर रसूख का बोझ बढ़ने लगता है, तब जनता खुद ही ऐसे तत्वों को रास्ते पर लाने की जिद ठान लेती है। 

शुक्रवार को शंकर सिंह का एक वीडियो खूब वायरल हुआ। महिलाओं ने शंकर सिंह जूतियों से धुनाई कर डाली। वीडियो में देखा गया कि एक कुछ महिलाएं हाथों में हार लिए शंकर सिंह से बहस कर रही हैं। इसी दौरान एक महिला ने अपनी जूती से शंकर सिंह के चहरे पर करारा प्रहार करती है।  इसके बाद मौके पर हंगामा मच जाता है। 

गौर करने वाली बात ये है कि जब यह घटना हुई तो कोई भी बीच-बचाव में नहीं उतरा। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को जैसे-तैसे शांत कराया है। जाहिर सी बात है कि वहां मौजूद अधिकांश लोगों में यूनियन लीडर के प्रति कोई संवेदना नहीं थी। 

यूनियन लीडर शंकर सिंह को पीटने वाली महिलाओं से समाचार फर्स्ट की टीम ने संपर्क किया। इनका कहना था कि शंकर सिंह उनके बारे में गलत अफवाहें फैलाता था। जिसकी वजह से वे तनाव में चल रही थीं। उनका आरोप था कि वह उनके चरित्र को लेकर उल्टी बातें करता था। 

शंकर सिंह से सरकार को इतना मोह क्यों है?

एचआरटीसी यूनियन लीडर शंकर सिंह की करतूतें कोई एक नहीं हैं। अनुशासनहीनता से लेकर गुंडई के कई मामले में विभाग के बीच में चर्चा का विषय रहे हैं। इसकी हरकतों की वजह से ही पिछली कांग्रेस की सरकार में इसे बर्खास्त कर दिया गया था। लेकिन, नई सरकार के बनते ही इसे दोबारा बहाली से नवाजा गया। 

बहाली पाते ही इस शख्स ने कई बड़े अधिकारियों को डांट पिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पिछले ही दिनों हमीरपुर के डीएम को शंकर सिंह ने गालियां दीं और धमकियां दीं। शंकर सिंह का धमकी और गाली से भरा कॉल रिकॉर्डिंग भी वायरल हुआ था। जब डीएम हमीरपुर ने शंकर सिंह के खिलाफ थाने में मामला दर्ज कराया तो उसका भी ट्रांसफर कर दिया गया। 

ऐसे में सवाल उठता है कि ऐसे अनुशासनहीन और बददिमाग आदमी पर सरकार आखिर मेहरबान क्यों है? जो शख्स बड़े अधिकारियों को गालियां देता है, धमकियां देता है, विभाग में अनुशासनहीनता फैलाता है, महिला-कर्मचारियों के खिलाफ गलत-बयानी करता है…उससे सरकार क्या मोह है? 

सवाल प्रासंगिक इसलिए भी है क्योंकि शंकर सिंह ठाकुर की एक बाद एक करतूतें लोगों के बीच आ रही हैं। लेकिन, अब निगाहें सरकार की भी मंशा पर है कि वह ऐसे तत्वों पर कोई कार्रवाई करती है या मेहरबानी बनाए रखती है…।