➤ हिमाचल में पहली बार रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत
➤ 29 करोड़ की मशीनरी से AIMSS में 4 ऑपरेशन
➤ टांडा मेडिकल कॉलेज में भी जल्द सुविधा शुरू
हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक बड़ा मील का पत्थर सोमवार को हासिल हुआ, जब शिमला के चमियाणा स्थित अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटी (AIMSS) में रोबोटिक सर्जरी यूनिट का उद्घाटन किया गया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस अत्याधुनिक सुविधा का शुभारंभ किया और बताया कि यह प्रदेश में सरकारी अस्पतालों में रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत है, जिससे मरीजों को अब चंडीगढ़ या दिल्ली जाने की आवश्यकता नहीं होगी।

उद्घाटन के दिन ही इस तकनीक से चार जटिल ऑपरेशन किए जा रहे हैं, जिनमें एक प्रोस्टेट कैंसर, दो किडनी ट्यूमर और एक नॉन-फंक्शनिंग किडनी की सर्जरी शामिल है। इन ऑपरेशनों की देखरेख संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ के यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. अनंत कुमार कर रहे हैं, जबकि AIMSS के डॉ. पंपोष रैना और डॉ. नवीन कौंडल इस तकनीक का संचालन कर रहे हैं।
CM सुक्खू ने कहा कि पांच साल पहले उनका भी रोबोटिक सर्जरी से ऑपरेशन हुआ था और तभी उन्होंने ठाना था कि हिमाचल में भी यह सुविधा शुरू हो। उन्होंने घोषणा की कि जल्द ही टांडा मेडिकल कॉलेज में भी रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत होगी। इसके अलावा, AIIMS चमियाणा, टांडा, हमीरपुर, नेरचौक, चंबा और नाहन मेडिकल कॉलेज में इन-हाउस ऑटोमेटेड लैब बनाई जाएंगी, जिससे सभी टेस्ट ऑनलाइन हो सकेंगे और मरीजों को दोहराव वाले टेस्ट से राहत मिलेगी।
29 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित इस रोबोटिक सर्जरी मशीनरी से यूरोलॉजी, ऑन्कोलॉजी और गायनाकोलॉजी विभाग में अत्याधुनिक ऑपरेशन किए जा सकेंगे। यह तकनीक डॉक्टरों को अत्यधिक सटीकता, लचीलापन और नियंत्रण प्रदान करती है। हाई-रेजोल्यूशन कैमरों के जरिए डॉक्टर शरीर के अंदरूनी हिस्सों को स्पष्ट रूप से देख पाते हैं, जिससे छोटे चीरे के साथ ऑपरेशन संभव होता है और मरीज जल्दी स्वस्थ हो जाता है।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह भी मौजूद रहे।



