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असम की बेटी ने 8,000 फीट से उड़ान भरी, सबकी बनी प्रेरणा

जुन्गा फ्लाइंग फेस्टिवल में 16 वर्षीय शैशी बनी प्रेरणा
असम की बेटी ने 8,000 फीट ऊंचाई से उड़ान भरकर दिखाया हौसला
58 वर्षीय प्रेम ठाकुर सबसे उम्रदराज पैराग्लाइडर के रूप में छाए


हिमाचल प्रदेश के जुन्गा में चल रहे International Flying Festival में इस बार रोमांच और जज़्बे की दो पीढ़ियां आसमान से बात करती दिखीं। एक ओर असम की 16 वर्षीय शैशी कैलपैंग ने 8,000 फीट की ऊंचाई से पैराग्लाइडिंग कर अपना सपनों भरा परचम लहराया तो वहीं दूसरी ओर 58 वर्षीय प्रेम कुमार ठाकुर ने साबित किया कि उम्र सिर्फ एक संख्या है।

शैशी इस प्रतियोगिता की सबसे कम उम्र की प्रतिभागी रहीं और सभी के लिए बड़ी प्रेरणा बनीं। वर्ष 2022 में पैराग्लाइडिंग शुरू करने वाली शैशी को इस खेल की प्रेरणा उनकी मां से मिली, जो असम में पैराग्लाइडिंग व्यवसाय चलाती हैं। शैशी ने बताया कि इस खेल में आने के लिए उम्र, अनुभव और डर तीनों से लड़ाई लड़नी पड़ी, लेकिन हार मानना कभी उनकी सूची में नहीं रहा।

उन्होंने कहा कि प्रतियोगिताओं में महिला श्रेणी अलग नहीं होती, हमें ओपन कैटेगरी में ही उतारा जाता है। यह चुनौती जरूर है, पर इसे वह मौक़ा मानती हैं। शैशी इससे पहले देश के कई टूर्नामेंट्स में हिस्सा ले चुकी हैं, जिनमें बीड़ बिलिंग का अंतरराष्ट्रीय आयोजन भी शामिल है।
शैशी का लक्ष्य है कि भविष्य में भारत का प्रतिनिधित्व World Paragliding Championship में करें। आयोजकों ने उनकी प्रतिभा और हिम्मत की जमकर सराहना की है।

इसी इवेंट में जुन्गा के 58 वर्षीय प्रेम कुमार ठाकुर ने भी अपनी उड़ान से सबका दिल जीत लिया। जर्मनी में रह रहे प्रेम को सात साल पहले Paragliding का शौक जगा और आज वे अपने जन्मस्थान की वादियों में बादलों को चीरते हुए दिखे।

प्रेम का कहना है
“उम्र कोई रुकावट नहीं, सही प्रशिक्षण हो तो हर उम्र उड़ान की होती है। डर मन में होता है, उसे निकाल दो… हवा खुद रास्ता दिखा देती है।”

उन्होंने कहा कि हिमाचल में Adventure Sports का भविष्य उज्ज्वल है और यहां के युवाओं में अद्भुत क्षमता है।

जुन्गा की वादियां इस समय रंगीन पैराशूट, नवोदित प्रतिभाओं और अनुभवी पायलटों की कहानियों से गूंज रही हैं, जो पर्यटन और एडवेंचर की नई उड़ान का संकेत दे रही हैं।