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हिमाचल में बड़ा फैसला: पुनर्नियुक्त कर्मचारियों को अब सेवा अवधि पूरी होने से पहले नहीं मिलेगी पेंशन और अन्य लाभ

➤ वित्त विभाग ने जारी किए संशोधित दिशा-निर्देश, सभी विभागों में एकरूपता लाने पर जोर
➤ पुनर्नियुक्ति अवधि पूरी होने से पहले ग्रेच्युटी, लीव इनकैशमेंट, पेंशन कम्यूटेशन के लाभ नहीं मिलेंगे
➤ अनुबंध कर्मचारियों के मामले की सुनवाई अब 1 दिसंबर को होगी


शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने सेवानिवृत्त और पुनर्नियुक्त कर्मचारियों से जुड़े नियमों में बड़ा संशोधन किया है। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि पुनर्रोजगार की अवधि पूरी होने से पहले किसी भी सेवानिवृत्त कर्मचारी को पेंशन या अन्य रिटायरमेंट लाभ नहीं दिए जाएंगे। प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार ने इस संबंध में सभी प्रशासनिक सचिवों को संशोधित आदेश जारी किए हैं। सरकार के नए आदेशों के अनुसार, जो सेवानिवृत्त कर्मचारी दोबारा नियुक्त किए गए हैं, उन्हें भी यह नियम समान रूप से लागू होगा।

क्या-क्या लाभ रोके जाएंगे

वित्त विभाग के आदेश के मुताबिक, सेवानिवृत्ति की तिथि पर देय लाभ जैसे – ग्रेच्युटी, लीव इनकैशमेंट, जीपीएफ, पेंशन कम्यूटेशन आदि अब पुनर्नियुक्ति की अवधि पूर्ण होने के बाद ही जारी किए जाएंगे। इस निर्णय का उद्देश्य, विभाग के अनुसार, सभी प्रशासनिक इकाइयों में समानता और स्पष्टता सुनिश्चित करना है। वित्त विभाग ने कहा है कि सभी विभाग संशोधित दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें।


पुराने आदेशों में संशोधन

विभाग ने 10 नवंबर 2023 और 24 जुलाई 2024 को जारी दिशा-निर्देशों में संशोधन किया है।
सरकार का मानना है कि यह कदम अनुचित लाभ या नीति में असमानता को रोकने के लिए आवश्यक था।

इससे उन सेवानिवृत्त कर्मचारियों पर रोक लगेगी, जो बीच-बीच में पुनर्नियुक्ति के लिए आवेदन करते रहते हैं।
अब अधिकांश लोग पेंशन लाभ की देरी के चलते पुनर्नियुक्ति में कम दिलचस्पी दिखा सकते हैं।


हाईकोर्ट में अनुबंध कर्मचारियों का मामला भी चर्चा में

वहीं, प्रदेश हाईकोर्ट में अनुबंध कर्मचारियों से जुड़े मामले की अगली सुनवाई 1 दिसंबर को होगी।
राज्य सरकार ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश भर्ती एवं सरकारी कर्मचारियों की सेवा शर्त अधिनियम, 2024 लागू किया है,
जिसे कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है।

मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति रोमेश वर्मा की खंडपीठ कर रही है।
इससे पहले हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ही अनुबंध कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता और वित्तीय लाभ देने का आदेश दे चुके हैं।
हालांकि, सरकार ने संशोधन विधेयक लाकर अनुबंध अवधि से वित्तीय लाभ न देने का निर्णय लिया था।