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हिमाचल के रिटायरमेंट लेकर बिहार के चुनावी मैदान में उतरे थे पूर्व ADG जेपी सिंह, जमानत जब्त;मिले सिर्फ 3433 वोट

➤ हिमाचल के पूर्व ADG जेपी सिंह की बिहार चुनाव में जमानत जब्त, केवल 3433 वोट मिले
➤ राजनीति में उतरने के लिए VRS लिया, जबकि नौकरी में अभी 2 साल बाकी थे
➤ छपरा सीट पर चौथे नंबर पर रहे, विजेता उम्मीदवार से 83,412 वोटों से हार


हिमाचल कैडर के आईपीएस और पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) डा. जय प्रकाश सिंह को बिहार विधानसभा चुनाव में बड़ा झटका लगा है। राजनीति में किस्मत आजमाने के लिए ऐच्छिक सेवानिवृति (VRS) लेने वाले जेपी सिंह की जमानत जब्त हो गई। वे बिहार की छपरा सीट से जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार थे, लेकिन केवल 3433 वोट ही हासिल कर पाए। जेपी सिंह को छपरा सीट पर 10 उम्मीदवारों में चौथा स्थान मिला, जबकि वह विजेता से 83,412 वोटों से हार गए।

छपरा सीट से भारतीय जनता पार्टी की छोटी कुमारी ने जीत दर्ज की। उन्हें 86,845 वोट प्राप्त हुए।
दूसरे नंबर पर रहे शत्रुघन यादव (RJD) को 79,245 वोट मिले। तीसरे नंबर पर इंडिपेंडेंट राखी गुप्ता रहीं, उन्हें 11,488 वोट मिले। चौथे नंबर पर रहे जेपी सिंह को मात्र 3433 वोट मिले और उनकी जमानत भी जब्त हो गई।

1967 में बिहार में जन्मे जेपी सिंह हिमाचल कैडर के 2000 बैच के आईपीएस रहे। उन्हें 31 जनवरी 2025 को ADG प्रमोट किया गया था। केवल 5 महीने बाद, उन्होंने राजनीति में आने का फैसला किया और जुलाई 2025 में VRS ले लिया। उनकी नियत सेवानिवृत्ति तिथि 31 जुलाई 2027 थी — यानी दो वर्ष पहले नौकरी छोड़ दी

जेपी सिंह ने 2001 में कांगड़ा में बतौर प्रोबेशनर सेवा शुरू की। इसके बाद वे ASP कांगड़, राज्यपाल के ADC, SP चंबा, SP सिरमौर, SP इंटेलिजेंस, कमांडेंट के पदों पर रहे।,वे IG साउथ रेंज, IG नॉर्थ रेंज और विजिलेंस में भी तैनात रहे। VRS से पहले वे ADGP CID पद पर सेवाएं दे रहे थे।

जेपी सिंह एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनका सफर प्रेरणादायक रहा है — वे पहले सेन्य अधिकारी, फिर IPS अधिकारी बने। छुट्टियों के दौरान वे अपने गांव के बच्चों को पढ़ाते और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मार्गदर्शन देते थे