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इस बार कम होगी बारिश-बर्फबारी? बड़ा पूर्वानुमान, जानें

➤ हिमाचल के 6 जिलों में घने कोहरे का अलर्ट, विजिबिलिटी 10 बजे तक कम
➤ 17 शहरों में तापमान 5°C से नीचे, ताबो -8°C तक गिरा
➤ दिसंबर–फरवरी में बारिश-बर्फबारी सामान्य से कम, सूखे के आसार


हिमाचल प्रदेश में सूखी सर्दी का सितम जारी है। 17 शहरों में तापमान 5°C से नीचे चला गया है।  ताबो -8°C तक पहुंच गया है। उधर मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार  दिसंबर–फरवरी में बारिश-बर्फबारी सामान्य से कम होने और सूखे जैसे हालात बनने केआसार हैंं।

वहीं मौसम विभाग ने आज सुबह 10 बजे तक छह जिलों—कांगड़ा, मंडी, बिलासपुर, हमीरपुर, ऊना और सोलन—में घने कोहरे की चेतावनी जारी की है। विभाग के अनुसार इन जिलों के कई क्षेत्रों में विजिबिलिटी बेहद कम रहेगी। वाहन चालकों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

विभाग के अनुसार 5 और 7 दिसंबर को प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्का हिमपात, जबकि मध्यम ऊंचाई वाले स्थानों पर हल्की बारिश संभव है। मैदानी इलाकों में मौसम साफ रहने का अनुमान है। इस बीच, प्रदेश के 17 शहरों का न्यूनतम तापमान 5°C या उससे नीचे पहुंच गया है। लाहौल–स्पीति के ताबो में तापमान माइनस -8°C दर्ज किया गया, जो इस सीजन का सबसे कम तापमान है।

शिमला में भी पारा गिरावट के साथ 5°C पर पहुंच गया है। मंडी के सुंदरनगर में 3.7°C, कुल्लू के भुंतर में 3.0°C, कांगड़ा के पालमपुर में 4.0°C, सोलन में 2.4°C, मनाली में 2.7°C, हमीरपुर में 4.0°C, जबकि बजौरा में न्यूनतम तापमान 3.5°C दर्ज किया गया।


4 जिलों में कोल्ड वेव की चेतावनी

सोलन, ऊना, बिलासपुर और सिरमौर जिलों में दिसंबर महीने में शीतलहर की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग का अनुमान है कि इन जिलों के निचले इलाकों में सामान्य से अधिक ठंडी हवाएं चलेंगी, जिससे लोगों को ठंड का तीव्र अहसास होगा।


पूरे विंटर सीजन में अधिक तापमान

दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 तक अधिकतर जिलों में तापमान नॉर्मल से अधिक रहने का अनुमान है। सोलन, ऊना, बिलासपुर और सिरमौर को छोड़कर बाकी जिलों में अपेक्षाकृत हल्की सर्दी रहेगी। यानी इस बार कड़ाके की ठंड के कम आसार हैं।


बारिश-बर्फबारी भी सामान्य से कम

मौसम विभाग के अनुसार, दिसंबर में बारिश और बर्फबारी सामान्य से कम हो सकती है। नवंबर माह पहले ही सूखे की स्थिति के साथ बीत चुका है। आगामी महीनों दिसंबर से फरवरी के बीच भी वर्षा कम रहने के संकेत हैं। इससे प्रदेश में सर्दियों में सूखा जैसे हालात बनने की आशंका है।