प्राचीनकाल में जो वानर मानव के सहयोगी, मित्र व रक्षक की भूमिका में होते थे वही आज मानव के शत्रु बन गए हैं। ये न सिर्फ लोगों को निशाना बना रहे हैं बल्कि लोगों के घरों से खाने-पीने का सामान, कपड़े व अन्य चीजें भी उठा कर तथा हाथों से छीन कर ले जाते हैं। वहीं हिमाचल के सुजानपूर उपमंडल में भी बंदरों के उत्पात का मामला सामने आया हैं। सुजानपूर में किसानों द्वारा लगाए गए पॉलीहाऊसों को बंदरों ने नुक्सान पहुंचाया है। उत्पाती बंदर पॉलीहाऊसों की छत पर उछलकूद करते हैं, जिसकी वजह से पॉलीहाऊस फट गए हैं।
पॉलीहाऊसों में हुए छेदों से बंदर अंदर कूद रहे हैं तथा पॉलीहाऊसों में लगाई सब्जियों को उजाड़ रहे हैं। बंदरों के उत्पात से पीड़ित कुछ किसानों ने बताया कि उन्होंने सरकारी योजनाओं के तहत अनुदान राशि से पॉलीहाऊस लगाए हैं तथा पॉलीहाऊसों में बेमौसमी सब्जियों को उगाकर व्यवसाय कर रहे हैं। कृषि उनका एकमात्र आजीविका का जरिया है लेकिन पॉलीहाऊसों को बंदरों के द्वारा पहुंचाए नुक्सान के कारण उन्हें आर्थिक हानि हो रही है।
पॉलीहाऊसों में बड़ी मेहनत से उन्होंने नकदी फसलों को उगाया है। फसलों की पैदावार के लिए महंगे बीज बाजार से खरीदे गए हैं। जंगली जानवरों के फसलों को नुक्सान पहुंचाने से किसान परेशान हैं। बंदरों के उत्पात से पीड़ित किसानों ने फसलों के नुक्सान पर सरकार से मदद की गुहार लगाई है। साथ ही सरकार से मांग की है कि जंगली जानवरों और बंदरों से फसलों को बचाने के लिए कोई ठोस नीति बनाई जाए।