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शिमला में सैकड़ों पेड़ बने जान का खतरा, प्रशासन आंखे मूंद कर बैठा

पी. चंद |

मानसून अपने चरम पर है पेड़ो के गिरने का सिलसिला जारी है। लेकिन लापरवाह सरकार और नगर निगम ने खतरनाक बन चुके  पेड़ो को काटने की अभी तक मंजूरी तक नही दी  है। कुछ दिन शांत रहने के बाद बीती रात शिमला में मेघ जमकर बरसे है। शिमला और आसपास के इलाक़ो में रात भर बरसात होती रही।

इस बरसात से हालांकि शिमला में किसी बड़े नुकसान की खबर नही है, लेकिन बेम्लोई में गिरे पेड़ ने पीडब्ल्यूडी भवन को भारी नुकसान पहुंचाया है। जड़ से उखड़े पेड़ ने बिजली की तारों सहित पानी की पाइपलाइन को भी अपनी चपेट में ले लिया और बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया है साथ  ऊपरी मंजिल में बने सरकारी मकानों के अंदर रखे सामान को भी तो फोड़ डाला है। गनीमत ये रही की समय रहते उपरी मंजिल में रह रहे लोगों ने भाग कर अपनी जान बचा लीं और जानी नुकशान नही हुआ।

शिमला के उप महापौर राकेश शर्मा का कहना है कि नगर निगम शिमला को पेड़ गिरने की सूचना मिली है जिसको हटवाने के लिए लेबर भेज दी है। उन्होंने बताया की शिमला में 300 पेड़ ऐसे है जो लोगों के लिए खतरा बने हुए है। जिनको जल्द कटवाने के आवेदन भी आए है।निगम ने पेड़ काटने की मंजूरी के लिए फाइल सरकार को भेज दी है जब मंजूरी मिलेगी पेड़ काट दिए जायंगे।