एच.आर.टी.सी. में बीते 4 वर्षों से सेवाएं दे रहे प्रशिक्षु परिचालकों ने वर्तमान सरकार से उन्हें स्थायी नीति बनाने की मांग को दोहराया था। मगर प्रदेश सरकार से आश्वासन मिलने के बाद भी स्थाई निति न बनाए जाने से खफा परिवहन निगम के प्रशिक्षित परिचालको ने विधानसभा के बाहर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है।
हड़ताल पर बैठे परिचालको ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया और कहा की सरकार ने उन्हें नीति बनाने का आश्वाशन दिया था। लेकिन तीन माह बीत जाने के बाद भी कोई नीति नही बनाई गई और अब निगम के पास नियमित परिचालक मिलने के बाद प्रशिक्षित परिचालको को बाहर किया जा रहा है और चुनिदा परिचालको को ही राहत दी है ।
प्रशिक्षित परिचालक संघ का आरोप है की सरकार ने 67 परिचालको की ही सेवाएं ली जा रही है जबकि पुरे प्रदेश में 55 सौ प्रशिक्षित परिचालक हैं। सरकार ने करीब साढ़े पांच हजार युवाओं को कौशल विकास भत्ते के तहत कंडक्टर का प्रशिक्षण दिया है। लेकिन तीन साल से दिन रात काम करने के बावजूद सरकार उनके बारे में सोच नहीं रही है और न ही एचआरटीसी गंभीर है।
नाहन डिपू परिचालक बलवंत सिंह ने कहा की तीन माह पहले आन्दोलन के बाद सरकार ने नीति बनाने का आश्वासन दिया था और जो हड़ताल पर बैठे थे, उनकी सेवाएं सरकार ले रही है। लेकिन दुसरे परिचालको को बाहर कर दिया है। उनका कहना है की सरकार बिना भेदभाव के सभी परिचालको को काम दे और अब जब तक सरकार प्रशिक्षित परिचालको के लिए नीति नही बना लेती है तब तक ये हड़ताल जारी रहेगी।