नगर निगम शिमला की बैठक मेयर कुसुम सदरेट की अध्यक्षता में हुई। जिसमें पानी के रेट बढ़ाए जाने को लेकर चर्चा हुई। पानी के रेट को लेकर कांग्रेस के विरोध के साथ साथ मेयर को अपने ही बीजेपी पार्षदो के विरोध का सामना करना पड़ा। मेयर को हटाने की लॉबिंग करते रहे बीजेपी पार्षदो का रूख आज निगम हाउस में भी आक्रमक नज़र आया। लेकिन आयुक्त का पद संभाल पहली बार पहुंचे पंकज रॉय ने बीच बचाब किया।
अभी जो रेट प्रस्तवित है उसके तहत 302 रुपये से 332 दस फीसदी बढ़ोतरी तय की है। जिसमे 135 लीटर हर दिन प्रति व्यक्ति दिया जाएगा। 20000 लीटर प्रति माह पानी पांच सदस्य के परिवारों को मिलेगा। 0 से 3 हज़ार लीटर प्रति माह पानी खपत करने पर कोई बिल नही लिया जाता है। 16रुपये 50 पैसे प्रति किलो लीटर के हिसाब से 20 हज़ार तक बिल प्रस्तवित था। अब 14 रुपये 50 पैसे प्रति किलोलीटर पानी का रेट का प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा।
पार्षदो ने सुझाव दिया कि निःशुल्क पानी की सीमा तीन हज़ार लीटर के बजाए आठ हज़ार किया जाए। जो कि मान्य नही हो पाया। कमर्शियल रेट दस फीसदी ही बढ़ेंगे। धार्मिक संस्थानों में मिलने वाले पानी को कमर्शियल की जगह अब डोमेस्टिक के हिसाब से रखने का प्रस्ताव भी सरकार को भेजा जाएगा।
डीसी ने कहा कि डोमेस्टिक रेट निगम तय नही करता है ये सरकार के हाथ में है। लेकिन अंत तक पानी के रेट पर सहमति नही बन पाई। हर साल दस फ़ीसदी पानी के बिल बढ़ाने का मामला कम करने के लिए सरकार को भेजा जाएगा। इसके अलावा टैंकर से पानी के रेट डोमेस्टिक दो हज़ार व कमर्शियल 4000 के हिसाब से दिया जाएगा।