शिमला जिले में भरेल गांव में बिजली सुविधा न होने पर प्रदेश हाईकोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में कोर्ट ने बिजली बोर्ड के चीफ इंजीनियर (ऑपरेशन सर्कल, साउथ) को तलब किया है। बता दें कि यह इलाका हिमाचल के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने अब बिजली अधिकारी को तलब किया है। भरेल गांव के चंद्र कांता, चंदू राम और लायक राम ने हाईकोर्ट को इस संबंध में पत्र लिखा था। इसी पर कोर्ट ने संज्ञान लिया है।
ये लिखा है पत्र में
कोर्ट को लिखे पत्र में इन तीनों ने कहा है कि गांव में तीन परिवार रहते हैं और आज तक यहां बिजली नहीं पहुंची है। वे पिछले 35 साल से सरकारों से इस संबंध में गुहार लगाते रहे हैं। साथ ही उन्होंने लिखा है कि शाली टिब्बा तक तो बिजली पहुंच गई है, लेकिन उनके गांव में अब तक लोग अंधेरे में जिंदगी गुजार रहे हैं। इसी पत्र पर कोर्ट ने अब चीफ इंजीनियर को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं।
आजादी के 70 साल बाद भी गांव में बिजली नहीं
आजादी के 70 साल बाद भी गांव में बिजली नहीं पहुंच पाई है। वहीं, हिमाचल की आर्थिकी में बिजली उत्पादन का बड़ा हिस्सा है। यहां बड़े पैमाने पर बिजली परिजयोजनाएं हैं। ऐसे में गांव में बिजली का न होना अपने आप में शर्मनाक है।