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शिक्षा का मंदिर नहीं नर्क है यह सरकारी कॉलेज!, हालत देख यही कहेंगे आप

मृत्युंजय पुरी |

कांगड़ा जिले के फतेहपुर में बने वजीर राम सिंह पठानियां कॉलेज आप इसकी हालत देख कर सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि आखिर इतने बदहाल होने पर भी यह दूसरे नंबर पर कैसे हैं।  जगह-जगह पड़ी शराब की बोतलें, सिगरेट के ठूंठ इन्फ्रास्ट्रक्चर की तंगहाली से जूझते इस कॉलेज की बदहाली खुद बयां करते हैं। यूं कहे कि छात्र खंडहरों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। अब ऐसे में सवाल उठते हैं आखिर कॉलेज की बदहाली सरकार और प्रशासन कहां सोया हुआ है।

देहरी इस कॉलेज में फैकल्टी की कमी के चलते स्टूडेंट्स ने क्लासेस का बहिष्कार कर रखा है। अध्यापकों के 45 में से 20 पद ही भरे गए हैं। कॉलेज की इमारत खंडहर बन चुकी है। कॉलेज में 3000 स्टूडेंट पढ़ाई करते हैं।

वहीं, कॉलेज में एक पुराना आर्ट्स ब्लॉक है जिसके डिसमेंटल के लिए ऑर्डर हुआ है पर ना इसे गिराया गया है ना ही उसकी मरम्मत हुई है। इसमें लडक़े और लड़कियों के शौचालय सुविधा तो है, लेकिन उनकी हालत बद से बदतर है। पानी की सफाई की हालत भी बहुत ही खराब है न टंकियां साफ है।

ऐसे में आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं यह कॉलेज शिक्षा का मंदिर नहीं है बल्कि किसी नरक से कम नहीं है।

करीब 250 कनाल भूमि में 1984 में बना यह कॉलेज हिमाचल के पिछड़े एरिया का सबसे बड़ा कॉलेज है। यहां से 3 विधायक चुने गए हैं, पर इस कॉलेज के सर पर किसी का हाथ नहीं।

1972 से यह प्राइवेट कॉलेज था लेकिन 1982 में हुआ सरकारीकरण कर स्वतंत्रता सैनानी वजीर राम सिंह से नाम पर इस कॉलेज का सरलीकरण किया गया। कॉलेज के कई छात्र-छात्राएं यूनिवर्सिटी टॉपर रह चुके हैं, लेकिन कॉलेज की हालत बहुत ही दयनीय है।