देश को आज़ादी मिले 71 साल पूरे हो गए हैं। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश का कोना-कोना सज गया है। हर जगह चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार सुबह 7.30 बजे लाल किले के प्राचीर पर तिरंगा फहराया। PM ने राजघाट पहुंच राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। जिसके बाद प्रधानमंत्री ने देश को लालकिले से देश को संबोधित किया, उन्होंने करीब 82 मिनट का भाषण दिया। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी का ये लाल किले के प्राचीर से आखिरी भाषण रहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की बड़ी बातें…
- आज देश आत्म विश्वास से भरा हुआ है, सपनों को संकल्प के साथ परिश्रम की पराकाष्ठा कर के देश नई उंचाइयों को पार कर रहा है।
- अगले वर्ष बैसाखी पर जलियांवाला बाग़ नरसंहार के 100 वर्ष होने जा रहे हैं। मैं इस नरसंहार में शहीद हुए हर देशवासी को याद करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि देता हूं।
- महान तमिल कवि, दीर्घदृष्टा और आशावादी सुब्रामणियम भारती ने लिखा था कि भारत न सिर्फ एक महान राष्ट्र के रूप में उभरेगा बल्कि दूसरों को भी प्रेरणा देगा। उन्होंने कहा था- भारत पूरी दुनिया को हर तरह के बंधनों से मुक्ति पाने का रास्ता दिखाएगा।
- संसद का इस बार का स्तर पूरी तरह से सामाजिक न्याय को समर्पित थे। दलित हो, पीड़ित हो, वंचित हो, महिलाएं हों, उनके हितों की रक्षा करने के लिए हमारी संसद ने सामाजिक न्याय को और अधिक बलवत्र बनाया है।
- गरीबों को न्याय मिले, हर किसी को उसकी इच्छा और आकांक्षाओं के हिसाब से आगे बढ़ने का अवसर मिले और 2014 से अब तक मैं अनुभव कर रहा हूं कि सवा सौ करोड़ देशवासी सिर्फ सरकार बनाकर रुके नहीं। वो देश बनाने में जुटे हैं।
- तिरंगे की शान के लिए देश के सेना के जवान अपने प्राणों की आहुति दे देते हैं। हमारे अर्धसैनिक बल जीवन खपा देते हैं। हमारे पुलिस बल के जवान आम आदमी की रक्षा के लिए दिन रात देश की सेवा में लगे रहते हैं। मैं सभी जवानों को उनकी महान सेवा और त्याग तपस्या के लिए आज तिरंगे झंडे के सामने नमन करता हूं ।
- बारिश और बाढ़ में इस बार जिन परिवारों ने अपनों को खोया है, देश उनके साथ खड़ा है। उनके दुख में हम सब उनके साथ है। अगली वैशाखी पर जालियालाला बांग हत्याकांड के सौ साल पूरे हो रहे हैं।
- बाबा साहब के नेतृत्व में समावेशी संविधान का निर्माण किया गया। भारत के हर वर्ग समान लाभ मिले इसके लिए संविधान हमारा मार्ग दर्शन करता है। गरीबों को न्याय मिले, सबको समान हक मिले, किसी को आगे बढ़ने में कोई रुकावट नहीं आए, सबके सपने पूरे हों, सबको अधिकतम अवसर मिले, एक आत्म निर्भर हिंदुस्तान हो, नई ऊंचाइयों को छूने वाला हिंदुस्तान हो, दुनिया में हिंदुस्तान की दमक भी है, वैसै हिंदुस्तान हम बनाना चाहते हैं।
- सवा सौ करोड़ लोग जब निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति के लिए चल पड़ता है, तो क्या नहीं हो सकता। 2014 में इस देश के सवा सौ करोड़ नागरिक सिर्फ सरकार बनाकर नहीं रुके थे, बल्कि देश बनाने के लिए वे लोग जुटे थे और जुटे भी रहेंगे।
- जिस रफ्तार से 2013 में गांवों तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाने का काम चल रहा था, उस रफ्तार से देश के हर गांव को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने में कई पीढ़ियां गुजर जातीं। जिस रफ्तार से 2013 में गैस कनेक्शन दिया जा रहा था, अगर वही पुरानी रफ्तार होती तो देश के हर घर में सालों तक भी गैस कनेक्शन नहीं पहुंच पाता।