अहमदाबाद में हार्दिक पटेल समेत कई पाटीदार नेताओं को क्राइम ब्रांच ने हिरासत में ले लिया है। हार्दिक समेत ये नेता एक दिन की भूख हड़ताल पर निकोल के लिए रवाना होने वाले थे। पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने किसानों के लिए अनशन करने का ऐलान किया था, लेकिन उससे पहले ही उन्हें हिरासत में ले लिया गया है। हार्दिक ने शनिवार को ही गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी को एक खुला पत्र लिखकर यह ऐलान किया था।
साथियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस हार्दिक के घर पहुंची और उन्हें अनशन पर जाने से पहले ही हिरासत में ले लिया गया। बता दें कि अपने इस अनशन के लिए हार्दिक ने पहले ही अहमदाबाद नगर निगम और अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर से अनुमति मांगी थी, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई थी। जिसके बावजूद वो आज काली पट्टी बांध अपना विरोध जताने के लिए वहां भूख हड़ताल पर बैठने वाले थे।
शनिवार को हार्दिक पटेल ने गुजरात के मुख्यमंत्री को जो पत्र लिखा उसमें उन्होंने कहा कि क्या गुजरात में जनता को सवाल पूछने का भी हक नहीं है? विरोध करना, शांतिपूर्ण आंदोलन करना, सरकार की नीतियों के सामने अपनी असहमति जताने के अधिकार सरकार छीन रही है। हमे शांतिपूर्ण तरीके से उपवास आंदोलन करने की अनुमति ना देना, सुप्रिम कोर्ट और संविधान में दिए हमारे अधिकारों का भंग होना है।