जिला कांगड़ा में बारिश ने जमकर कहर बरपाया है। कांगड़ा के रच्छयालु, वीरता, मटौर, नंदरुल, राजल में 11 कच्चे मकानों सहित 10 गोशालाएं और 2 दुकानें बारिश की भेंट चढ़ गई हैं। वहीं, भूस्खलन के चलते करीब करीब एक दर्जन घरों को खतरा पैदा हो गया है।
सड़कों पर मलबा गिरने से कई जगह पर सड़क मार्ग भी बंद हैं। जानकारी के अनुसार जयसिंहपुर के चंबी और बैजनाथ के अवैरी में 2 मकान गिर गए और चढ़ियार क्षेत्र में मतयालकलां में भूस्खलन के कारण 3 मकानों के गिरने का खतरा बना हुआ है। लगातार हो रही बारिश से एनएच पठानकोट-मंडी में बैजनाथ के पास ल्हासा गिरने से एक गाड़ी उसकी चपेट में आ गई। इसके अलावा हैं और हलेड़ खड्ड का पानी का हलेड़ बाजार में घुस गया, जिसके चलते दुकानदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
वहीं, गग्गल क्षेत्र में पड़ते रच्छयालु गांव में लगातार बारिश के कारण पानी इकट्ठा हो गया और निकासी न होने के कारण लोगों ने देर रात को प्रधान सुनीता चौधरी के साथ मिलकर गग्गल एयरपोर्ट की सुरक्षा दीवार को 5 फुट तक तोड़कर पानी की निकासी के लिए जगह बनाई गई। हालात ये हो गए थे कि पानी की निकासी न होने के कारण गांव में तालाब बन गए थे।
लगातार हो रही बारिश के कारण मेडिकल कॉलेज टांडा में भी ग्राउंड फ्लोर पर भी पानी जमा हो गया और वहां पर तालाब जैसी स्थिति बन गई है। मरीजों को आवाजाही में खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
बता दें कि पिछले एक महीने में कांगड़ा में 44 करोड़ 40 लाख का नुकसान हो चुका है। इसमें सड़कों के बहने और ल्हासे आदि गिरने व मलबे के कारण पुल आदि को हो रहा नुकसान प्रमुख है।