विधानसभा के बाहर शुक्रवार को हुए हंगामे पर प्रदेश युवा कांग्रेस ने पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए युवा कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हम तो ज्ञापन देने विधानसभा जा रहे थे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोका और जब उन्होंने विरोध किया तो उनपर लाठियां भाजी गईं। इसमे सारी ग़लती पुलिस की है और इस मामले में जांच होनी चाहिए।
अध्यक्ष ने कहा कि हर जगह पुलिस की नाकामियां सामने आ रही हैं और किसी के काम को जबरदस्ती रोका जा रहा है। आगामी 27 अगस्त को सभी जिलों में कॉन्फ्रेंस की जाएगी और राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा।
क्या है मामला…??
दरअसल, शुक्रवार को युवा कांग्रेस विधानसभा का घेराव करने पहुंची थी। इस दौरान उन्होंने विधानसभा में लगे बैरिकेट्स क्रॉस करने का प्रयास किया और जब सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोकना चाहा लेकिन कार्यकर्ता बैरिकेट्स हटाकर दूसरी ओर कूद गए। इस वाक्या को देखकर सुरक्षाकर्मियों ने लाठीचार्ज किया और इस दौरान कई कार्यकर्ताओं की चोटें आईं।
यही नहीं, जवाबी कार्रवाई में कार्यकर्ताओं ने भी सुरक्षाकर्मियों पर पत्थर और डंडे बरसाए, जिसमें ASP सहित 6 कर्मी ज़ख़्मी हुए। लिहाजा, युवा कांग्रेस और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई इस हल्की झड़प से सियासत गर्मा गई और सदन में कांग्रेस ने इस पर बहस छेड़ी। सरकार ने पुलिस की कार्यशैली को सही बताया, जिसपर विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया था।