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गांधी चौंक में बदहाली पर आंसू बहा रही बापू की प्रतिमा, सुध लेने वाला कोई नहीं

नवनीत बत्ता, हमीरपुर |

महात्मा गांधी को हम एक ऐसी शख्सियत के तौर पर जानते हैं जिन्होंने अपना पूरा जीवन अपने आदर्शों पर ही जिया है। आज उन्हीं के आदर्शों से उनके अनुयायी अपने जीवन का मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं। लेकिन, हमीरपुर में गांधी चौंक जिस शख्सियत महात्मा गांधी के नाम से जाना जाता है वहां पर लगी उनकी प्रतिमा की सुध लेने वाला कोई नहीं है। महात्मा गांधी की प्रतिमा धूल-मिट्टी से भरी हुई है। शायद गांधी को मालूम होता की ये दुर्दशा उनकी प्रतिमा की होगी तो वह इसे यहां लगाने से इंकार कर देते। आए दिन पक्षी उनकी प्रतिमा पर पक्षी बीठ कर रहें हैं। सर ही नहीं बल्कि उनका मुंह और चश्मा तक गन्दा हो चुका है। लेकिन करोंड़ो के बजट वाली नगर परिषद इसकी साफ-सफाई की जेहमत तक नहीं उठाती।  हैरानी इस बात है की गांधी की प्रतिमा के पीछे लगे फोटग्राप्स अपनी अंतिम सांसे गिन रहे है और टूट चुके हैं। लेकिन उन्हें ठीक करने वाला कोई नहीं है। चौक पर लगी एक तस्बीर जो एक पानी की टंकी के पीछे छुपाई गई है।

शहर के वरिष्ठ नागरिक ओम प्रकाश गुप्ता ,पूर्व पार्षद खुशाल जगोता ,पंकज कटोच ,रवि कुमार ,विपिन कुमार जैसे लोग भी मानते हैं की अगर इसको रखा गया है और सफाई कर्मचारी यहां पर काम करते हैं तो इस 3 फीट की प्रतिमा की सफाई में इतना संकोच नगर परिषद् किस लिए कर रही है। शहर के युवा भी इसको महात्मा गांधी की बेइजत्ती मानते हैं और कहते हैं की जब गांधी राष्ट्र पिता हैं तो सम्मान भी वैसा ही होना चाहिए अन्यथा नगर परिषद इसकी जिम्मेदारी नहीं संभाल सकती है तो इस तरह के काम करो ही मत जिन से विवाद हो।

वहीं, नगर परिषद् अध्यक्ष सलोचना देवी का कहना है कि समय-समय पर गांधी चौक पर सफाई नगर परिषद् करवाती है और अगर ऐसी कुछ गंदगी पड़ी है तो उसे जल्दी ही हटाया जाएगा।