3 दिन पहले ग्लेशियर की चपेट में आने वाली शहीद जवान रिगजिन दोरजे का पार्थिव शरीर गुरुवार को क़ाजा पहुंचाया जाएगा। सुबह पार्थिव शरीर वायु सेना के जहाज से पहले चंडीगढ़ पहुंचाया जाएगा और यहां से चौपर से काजा लाया जाएगा। शहीद जवान लाहौल स्पीति के चिचम गांव के रहने वाले थे और वे अपने पीछे पत्नी और 2 बच्चों की छोड़ गए हैं।
एडीएम काजा विक्रम नेगी ने बताया कि शहीद का राजकीय सम्मान के साथ शुक्रवार को उनके पैतृक गांव चिचम में बौद्ध रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार होगा। शहीद सूबेदार रिगजिन दोरजे की एक 6 साल की बेटी और 9 साल का एक बेटा है। रिगजिन 1995 में सेना की डोगरा रेजीमेंट में भर्ती हुए थे। कृषि मंत्री डॉ रामलाल मारकंडा ने कहा कि देश ने रिगजिन के रूप में एक जांबाज सैनिक को खो दिया है।
याद रहे के कारगिल में माउंट नून एक्सपीडिशन के दौरान ग्लेशियर की चपेट में आने से डोगरा रेजीमेंट के जांबाज सूबेदार रिगजिन दोरजे शहीद हो गए थे।