राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के संस्थापक सदस्य तारिक अनवर ने पार्टी को अलविदा कह दिया है। अनवर ने औपचारिक तौर पर एनसीपी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। साथ ही उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। गौरतलब है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार के राफेल डील पर मोदी का बचाव करने से तारिक अनवर नाराज थे।
1999 में सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे पर कांग्रेस से बगावत करके शरद पवार और तारिक अनवर ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी बनायी थी।
तारिक अनवर ने कहा कि राफेल पर पवार साहब का बयान ठीक नहीं लगा। एनसीपी की तरफ से सफाई आई, लेकिन वो सही नहीं है। पवार साहब ने जब बयान दिया था तो खुद उनको सफाई देनी चाहिए थी। हालांकि उनकी तरफ से खुद कोई सफाई नहीं आई तो मैंने इस्तीफा दे दिया।
शरद पवार ने महाराष्ट्र में स्थानीय मीडिया से बातचीत में कहा था कि राफेल डील में कथित घोटाले को लेकर पीएम मोदी पर शक करना गलत है। इस बयान के बाद एनसीपी समेत बीजेपी के तमाम विरोधी खेमे में हलचल मच गयी। शरद पवार ना सिर्फ एनसीपी बल्कि भारतीय राजनीति में एक बड़ी हैसियत रखते हैं। ऐसे में उनके इस बयान के कई मतलब निकाले जाने लगे।
हालांकि, अब तारिक अनवर के एनसीपी छोड़ने के बाद उनके दूसरे दल में शामिल होने की चर्चा जोरों पर है। माना जा रहा है कि वह दोबारा कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। वैसे अनवर का कहना है कि वह पहले अपने समर्थकों से विचार विमर्श करेंगे। उसके बाद ही फैसला लेंगे।