नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कार्यालय में तैनात ओएसडी की कार्यप्रणाली के बारे बीजेपी की ही एक नेत्री द्वारा लगाए हुए आरोपो की जांच करवाई जाए। उन्होंने कहा की इस बहुचर्चित मसले की गूंज पूरे हिमाचल में सुनाई पड़ रही है, इसलिए इसमें खामोश रहकर काम नहीं चलेगा। यह मसला महिला के सम्मान से जुड़ा है और दलील दी गई है कि पार्टी की बैठक में उनके पति को झूठा वीडियो दिखाकर लांछन लगाया गया है। इसलिए मुख्यमंत्री को स्वयं पहल करते हुए जांच के आदेश देकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह मामला चार माह पुराना हो चुका है। मगर जिस तरह से यह मामला सोशल मीडिया में बहस का मुद्दा बना हुआ है, इसका संज्ञान लेना बहुत ज़रूरी है। क्योंकि इसमें एक वीडियो की भी दुहाई दी गई है। उन्होंने कहा की महिला ने पार्टी के संगठन मंत्री को जो शिकायत पत्र भेजा है वह सार्वजनिक मंच पर उपलब्ध है। इसलिए इसमें अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? मामले को किस स्तर पर दबाने का प्रयास हुआ यह सब जांच के बाद ही सामने आयेगा और वीडियो की सच्चाई भी उजागर होगी।
बीजेपी लगातार 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का नारा देती आई है और ओबीसी वर्ग की हितैषी होने का दावा भी करती है तो बीजेपी को अपनी इस बेटी की आवाज़ को खामोश करने के बजाय आरोपी के ख़िलाफ़ सीधी कारवाई करने का साहस दिखाना चाहिए क्योंकि किसी को भी यह इजाजत नहीं दी जा सकती की वह महिलाओं के चरित्र का हनन करें। इस मामले में महिला के बाद उसके पति ने भी सीधे रूप से ओएसडी को नामज़द किया है और कहा कि यह ओएसडी, आरएसएस की बदौलत मुख्यमंत्री कार्यालय में कुर्सी हासिल किए हुए है और तकरीबन कैबिनेट रैंक की सुविधाएं जुटाए हुए हैं।