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हिमाचल की पहाड़ियों में मिला कैंसर का इलाज, वैज्ञानिकों ने खोजा नया एंजाइम

समाचार फर्स्ट डेस्क |

देश में कैंसर का इलाज अब अधिक कारगर और सस्ता होगा। वह दिन दूर नहीं जब भारतीयों को कैंसर के इलाज के लिए विदेश की महंगी दवा पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएसआइआर-आइएचबीटी) पालमपुर के वैज्ञानिकों ने ब्लड कैंसर से पीड़ित मरीजों के इलाज और खाद्य निर्माण क्षेत्र में उपयोगी एंजाइम को खोजा है।

हिमाचल में हिमालय पर्वत शृंखला में एल-ऐस्पर्जिनैस नामक एंजाइम मिला है। यह इंजाइम 4500 मीटर की ऊंचाई पर ग्लेशियर में मौजूद बैक्टीरिया में पाया गया है। वैज्ञानिकों ने लगभग 600 विभिन्न बैक्टीरिया पर शोध के बाद इस एंजाइम की सत्यता को परखा है। सरकार की मंजूरी के बाद यदि दवा उद्योग इस एंजाइम का प्रयोग करता है तो लोगों को कैंसर की सस्ती दवा मिलेगी।

ग्लूटामिनेज रहित है एंजाइम

वैज्ञानिकों ने लंबे शोध के बाद पाया कि ग्लेशियरों में मौजूद बैक्टीरिया खुद को मौसम के अनुकूल आसानी से ढाल लेते हैं। इन बैक्टीरिया में कुशल एवं ग्लूटामिनेज रहित एंजाइम एल-ऐस्पर्जिनैस पाया गया। उच्च ग्लूटामिनेज रोग के लिए जिम्मेदार है।

70 फीसदी एंजाइम का आयात

भारत में करीब 70 फीसदी एंजाइम आयात किए जाते हैं। इनकी कीमत करोड़ों में होती है। इस कारण दवा बनाने में एंजाइम इस्तेमाल होने से इलाज महंगा होता है।

एल-ऐस्पर्जिनैस के फायदे

एल-ऐस्पर्जिनैस एंजाइम खासकर बच्चों के ब्लड कैंसर एक्यूट लिंफोब्लासटिक ल्यूकीमिया (एएलएल) के इलाज के लिए महत्वपूर्ण है। यह ब्लड कैंसर के लिए बनने वाली दवाई के लिए अहम योगदान अदा करता है। पैंक्रिअटिक कार्सिनोमा व बोवाइन लिंफोमोसार्कोमा कैंसर के उपचार के लिए भी इसे इस्तेमाल किया जाता है।

यह इंजाइम खाद्य निर्माण क्षेत्र में स्टार्च व शुगर से बने एक्रिलामाइड (कैंसर कारक) नामक रासायनिक पदार्थ की मात्रा को कम करने में सहायक है।

एंजाइम मानव शरीर में पाए जाने वाले एक तरह के प्रोटीन होते हैं। ये शरीर में होने वाले कैमिकल रिएक्शन की तीव्रता को बढ़ा देते हैं। इन्हीं एंजाइम की बदौलत शरीर खुद को वातावरण के अनुकूल ढाल पाता है। जब हम कुछ खाते हैं तो उसके टुकड़ों को शरीर में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने के लिए एंजाइम महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।

शोध के सार्थक परिणाम

डॉ. धर्म सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक सीएसआइआर-आइएचबीटी  पालमपुर ने कहा कि बैक्टीरिया पर शोध का सार्थक परिणाम मिला है। फ्राई करने व बेकिंग के दौरान खाद्य उत्पादों में एक्रिलामाइड का गठन हो जाता है। यह पदार्थ चीनी और एमिनो एसिड द्वारा उच्च तापमान पर उत्पादित होता है जो आलू और स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थ में स्वाभाविक रूप से पाया जाता है। भोजन में एक्रिलामाइड कैंसर का कारक है। एंजाइम के खाद्य निर्माण क्षेत्र में उपयोगिता पर कार्य कर रहे हैं।