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रात के अंधेरे में एसीपी सुकन्या शर्मा ने ली महिला सुरक्षा की परीक्षा

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Luckhnow/ Agencies। उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में तैनात सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) सुकन्या शर्मा ने महिला सुरक्षा का जायजा लेने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया। शनिवार की रात वह सादे कपड़ों में, बिना किसी सुरक्षा दल के, सड़कों पर निकलीं और खुद को एक आम महिला की स्थिति में रखकर पुलिस की तत्परता को परखा।

सफेद शर्ट और काली जीन्स पहने सुकन्या शर्मा ने ऑटो रिक्शा में सफर किया और रात लगभग 11:30 बजे आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर ‘112’ पर कॉल किया। कॉल में उन्होंने बताया कि वह एक सुनसान सड़क पर अकेली हैं और उनसे मिलने के लिए पुलिस सहायता चाहिए।

कॉल सुनते ही पुलिस नियंत्रण कक्ष ने तुरंत एक टीम भेजी, जो मात्र 10 मिनट के अंदर मौके पर पहुंच गई। जब टीम ने देखा कि कॉल करने वाली महिला स्वयं एसीपी सुकन्या शर्मा हैं, तो वे स्तब्ध रह गए। इस पूरे अभ्यास का उद्देश्य महिला सुरक्षा से संबंधित पुलिस की तत्परता और जिम्मेदारी को जांचना था।

सपा अध्यक्ष ने की सराहना
इस प्रयास की सराहना समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी की। उन्होंने इस कदम को प्रशंसनीय प्रयास करार दिया और कहा कि ऐसी मॉक-कॉल्स (नकली कॉल) से पुलिस प्रशासन हमेशा सतर्क रहेगा। अखिलेश यादव ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि महिला सुरक्षा सुशासन की प्रथम परीक्षा होती है। यदि समाजवादी पार्टी के समय में शुरू किए गए आपातकालीन नंबर ‘1090’ और ‘100’ को अच्छी तरह से चलाया जाता, तो आज किसी अधिकारी को इस तरह की कॉल नहीं करनी पड़ती। अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि समय-समय पर इस प्रकार की कॉल्स से पुलिस और प्रशासन की सजगता परखने में मदद मिलेगी, जिससे महिला सुरक्षा के मानकों को और सुदृढ़ किया जा सकेगा।

महिलाओं के लिए रात में सुरक्षा नियम
गौरतलब है कि नियमों के अनुसार, रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक अगर कोई महिला किसी सुनसान या असुरक्षित जगह पर फंस जाती है और उसे कोई वाहन नहीं मिलता है, तो वह पुलिस से मदद मांग सकती है। इसी नियम की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए सुकन्या शर्मा ने इस अभियान को अंजाम दिया।

महिला सुरक्षा आज देश के प्रमुख मुद्दों में से एक है, और पुलिस बल का यह तत्परता जांचने वाला कदम समाज में एक सकारात्मक संदेश भेजता है कि महिलाओं की सुरक्षा के प्रति पुलिस हमेशा मुस्तैद है। एसीपी सुकन्या शर्मा का यह कदम न केवल महिलाओं की सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाता है, बल्कि पुलिस और प्रशासन को अपने कार्यों में और भी सजग बनने के लिए प्रेरित करता है।