जयराम सरकार बाबा रामदेव पर पूरी तरह मेहरबान नज़र आ रही है। मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने पतंजलि प्लांट के लिए सीज़ पड़ी 96 बीघा ज़मीन को बहाल कर दिया है। पूर्व में वीरभद्र सरकार ने इस ज़मीन के कागजों में कमी बताते हुए लीज़ को रद्द कर दिया था। लेकिन अब जयराम सरकार ने एक बार फिर धूमल सरकार द्वारा दी गई ज़मीन को बहाल कर दिया है।
क्या है मामला…??
दरअसल, पूर्व में धूमल सरकार ने पतंजलि प्लांट के लिए सोलन के साधुपुल में बाबा रामदेव को 1 रुपये के लीज़ पर 96 बीघा ज़मीन दी थी। इस पर बाद में वीरभद्र सरकार ने जांच करवाते हुए लीज़ के दाम बढ़ाने और कागज़ात पूरे करने के लिए कहा। वीरभद्र सरकार ने दलील दी थी कि हिमाचल की औषधियों को इस्तेमाल करके राम देव यहां व्यापार करना चाहते हैं, जबकि उनके पास व्यापार को लेकर कोई कागज़ात या मंजूरी नहीं है।
इसके बाद रामदेव ने इस प्रोजेक्ट को ख़त्म कर दिया और बाद में इसे रद्द कर दिया गया। अब जयराम सरकार ने एक बार फिर 96 बिघा ज़मीन को बहाल कर दिया है, लेकिन इसकी लीज़ राशि अभी तक पब्लिक नहीं की गई। वहीं, जयराम सरकार एक ओर तो प्रदेश के किसानों के ज़मीन पर कोई फैसला नहीं ले रही, वहीं बाबा रामदेव के प्लांट के लिए ज़मीनों की सरेआम निलामी की जा रही है।
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