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IGMC में अब स्पेशल वार्ड के लिए जेब करनी पड़ेगी ढ़ीली, KNH में होगा बांझपन का इलाज

पी. चंद, शिमला |

रोगी कल्याण समिति (आरकेएस) की बैठक में 2014 से 2017 की ऑडिट रिपोर्ट को स्वीकृति दी गई। अस्पताल में अनावश्यक भीड़ को कम करने पर भी चर्चा हुई। मरीज़ों के कई तमीरदार उनके साथ होते हैं। उनकी भीड़ में कमी लाई जाए। आईजीएमसी की नई बन रही ओपीडी इमारत जल्द ही तैयार की जाएगी।

बैठक में स्पेशल वार्ड के दामों में भी वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है। जो वीआईपी बेड पहले 1500 में मिलता था अब 2000 का होगा। सिंगल रूम 1000 से 1500 किया गया जबकि शेयरिंग रूम जो पहले 500 रुपए में मिलता था अब 750 का होगा। तमीरदारों को एक वक्त का खाना निशुल्क दिया जाएगा।

दीन दयाल सराय में एक वक्त रहने की निशुल्क सुविधा दी जाएगी। सुदृढ़ भी किया जाएगा। बैठक में आज 25 करोड़ 20 लाख बजट को भी मंजूरी दी गई। 56 लाख अस्पताल की अपनी इनकम है बाक़ी सरकार वहन करती है। केएनएच बजट को भी मंजूर किया गया है। आरकेएस अनुबंध कर्मियों का मानदेय 119 से बढ़ा कर 140 किया गया। तीन नई ईसीजी की मशीनें खरीदी जाएगी।

मार्च माह में किडनी ट्रांसप्लांट किया जाएगा। केएनएच में बांझपन का इलाज़ आईबीएफ शुरू करने पर भी विचार किया जाएगा। अस्पताल परिसर में चल रही तीन दुकानों का रेंट 3 फ़ीसदी बढ़ाया गया है। 300 बिस्तरों को सेमी फाउलर बेड में बदला जाएगा।