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शांता-जयराम की जुगलबंदी ने लोकसभा उम्मीदवारों के चेहरों पर खींची चिंता की लकीरें

नवनीत बत्ता, हमीरपुर |

हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा लोकसभा सीट बीजेपी-कांग्रेस दोनों के लिए चर्चा का विषय बनी हुई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जब सांसद शांता कुमार से कांगड़ा में बंद कमरे में जब करीब 45 मिनट तक अकेले चर्चा हुई उसके बाद यहां राजनीतिक चर्चाएं ही बदल गई हैं।

कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र में ये माना जा रहा है कि इस बार शांता कुमार टिकट नहीं लेंगे या हाई कमान से कोई सन्देश ऐसा आएगा की वो खुद ही रिटायर हो जाएंगे। लेकिन, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से वह बंद कमरे में एक घंटे के करीब मिले हैं और उसके बाद शांता कुमार का बयान कि अगर हाईकमान से उन्हें टिकट मिलेगा तो वह लोकसभा चुनाव लड़ेगे।

शांता कुमार के इस बयान से अब एक नया राजनीतिक गणित चर्चा में है। ऐसा क्या उस एक घंटे में हुआ की शांता कुमार ने फिर से चुनाव में खड़े होने की बात कह दी। वहीं, लम्बी कतार में खड़े नेता अब ये सोचते नज़र आ रहे हैं कि शांता का चुनाव लड़ने के लिए तैयार होना इंदु गोस्वामी, कृपाल परमार, रविंदर रवि, दुल्लो राम जैसे बीजेपी नेताओं का रास्ता रोकने का एक प्रयास तो नहीं है।