प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में आज भी कैंसर का इलाज पुरानी मशीनों से किया जा रहा है। मौजूदा समय में IGMC में कैंसर की कोबाल्ट मशीन इस्तेमाल होती है, जो कि काफी पुरानी तकनीक है और इसके कई दुष्प्रभाव भी पड़ते हैं। हालांकि, इस संदर्भ में केंद्र की ओर से आधुनिक मशीन लीनियर एक्सलेटर के लिए 48 करोड़ मंजूर भी किये गए थे लेकिन पिछले 8 महीने से इसपर कोई काम नहीं हुआ।
इस बारे में जब स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इसको लेकर अभी NGT के आदेशों की रुकावट आ रही है। हालांकि, सरकार ने अपना पक्ष रख दिया है औऱ उम्मीद है कि जल्द ही मशीन को IGMC में लगा दिया जाएगा। इसके साथ ही मंत्री ने बताया कि प्रदेश में डॉक्टरों और दवा कंपनियों के बीच सांठ-गांठ की 400 शिकायतें आई हैं। ऐसे में डॉक्टरों को विभाग की ओर से नोटिस जारी कर दिये गए हैं औऱ दोषियों के ख़िलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
ग़ौरतलब है कि IGMC में कैंसर के इलाज के लिए पुरानी टैक्निक का इस्तेमान होने से लोगों को इलाज के लिए बाहरी राज्यों या निज़ी अस्पतालों का रुख भी करना पड़ता है, जो काफी महंगा पड़ता है। अब केंद्र ने बेशक नई तकनीक की मशीन के लिए राशि जारी कर दी है, लेकिन 8 महीने में इसपर कोई काम नहीं हुआ।