प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों छात्रों के लिए शुरू की गई 3 योजनाओं का साल 2018 में कोई लाभ नहीं मिला है। स्मार्ट स्कूल वर्दी के बाद स्कूल बैग और स्टील बोतलें देने की योजना भी फंस गई है। लाखों विद्यार्थी सरकारी योजनाओं का लाभ लेने से वंचित रह गए हैं।
अक्तूबर महीने में सरकारी स्कूलों की चार कक्षाओं पहली, तीसरी, छठी और नवीं में पढ़ने वाले 2.61 लाख छात्रों को तीन तरह के स्कूल बैग देने का फैसला हुआ था। पहली और तीसरी कक्षा को छोटे, छठी को मीडियम और नवीं कक्षा के छात्रों को बड़े बैग देने की बात कही गई थी।
हालांकि, कैबिनेट में स्कूल वर्दी बहाल करने का फैसला हाल ही में लिया है, लेकिन अभी तक वर्दी देने को लेकर कोई नोटीफिकेशन जारी नहीं हुआ है। साथ ही माना ये भी जा सकता है कि सरकार के एक साल का कार्यकाल पूरा होने को है जिसके मद्देनजर ये फैसला लिया हो।
शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में टेंडर डाक्यूमेंट तैयार करने को कहा गया, लेकिन अभी तक इस बात पर कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने पहले बजट भाषण में पहली, तीसरी, छठी और नवीं कक्षा के छात्रों को पहले चरण में निशुल्क स्कूल बैग देने की घोषणा की है।
उधर, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले नवीं कक्षा के 90 हजार विद्यार्थियों के लिए स्टील की पानी बोतलें खरीदने की प्रक्रिया भी फिलहाल बंद है। स्टील की पानी की बोतलों के सैंपल कसौटी पर खरे नहीं उतरने पर सरकार ने टेंडर प्रक्रिया को अक्तूबर महीने में रद्द कर दिया है।
अभी तक टेंडर प्रक्रिया दोबारा शुरू नहीं हुई है। छात्रों को 750 मिली लीटर क्षमता की बोतलें देने को नए सिरे से टेंडर आमंत्रित करने के दावे फाइलों में सिमट कर रह गए हैं।