सरकारी बैंक इस वित्त वर्ष में पिछली बार से दोगुनी हायरिंग करने की योजना बना रहे हैं। एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, सिंडिकेट बैंक जैसे सरकारी बैंक आधुनिक बैंकिंग के हिसाब से बनने वाले रोल के मद्देनजर मार्च तक करीब 1 लाख प्रोफेशनल्स को हायर करने की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं।
पब्लिक सेक्टर बैंकों में क्लर्क कम और अफसर ज्यादा हैं। अंग्रेजी अखबार इकॉनोमिक टाइम्स के मुताबिक दिग्गज स्टाफिंग कंपनी टीमलीज के अनुमान के मुताबिक, इन बैंकों में सिर्फ 20 पर्सेंट एंप्लॉयीज क्लर्क ग्रेड के हैं। सिर्फ एसबीआई ऐसा सरकारी बैंक हैं, जहां 45 पर्सेंट एंप्लॉयीज इस कैटिगरी के हैं। बैड एसेट्स से जूझने के बाद सरकारी बैंक अब कॉम्पिटिशन पर फोकस कर दे रहे हैं।
कारोबार को बढ़ावा देने के लिए पीएसयू कल्चर में बदलाव की जरूरत को उनके हायरिंग के तरीके में देखा जा सकता है। ये अब आधुनिक टेक्नॉलजी से लैस टैलंट और प्राइवेट/मल्टीनैशनल बैंकों के एंप्लॉयीज को हायर करने पर फोकस कर रहे हैं। सरकारी बैंक वेल्थ मैनेजमेंट, एनालिटिक्स, स्ट्रैटेजी, डिजिटल, कस्टमर सर्विसेज जैसे स्पेशलाइज्ड रोल में सभी लेवल पर टैलेंट रिक्रूट कर रहे हैं। ये सभी एरिया कड़े कॉम्पिटिशन वाले मार्केट में बिजनस को विस्तार देने के लिहाज से अहम हैं।
50 लाख तक की सालाना सैलरी
नए स्पेशलाइजेशन के चलते बैंकों के रिक्रूटमेंट में बढ़ोतरी हुई है। सरकारी बैंक भी अब चीफ एथिक्स ऑफिसर, चीफ मार्केटिंग ऑफिसर, चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर, चीफ लर्निंग ऑफिसर, हेड एनालिटिक्स, डिजिटल मार्केटिंग कैंपेनर जैसी पोस्ट क्रिएट कर रहे हैं। इसके लिए प्राइवेट बैंकों से टैंलेट हायर कर रहे हैं। इन पोस्ट के लिए सैलरी 50 लाख सालाना से शुरू हो रही है।