टीम इंडिया के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर इस बार भारतीय कप्तान अपनी बल्लेबाजी की बजाय अपने आक्रामकता के चलते चर्चा में हैं। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के अलावा कई पूर्व खिलाड़ी उनकी आलोचना कर रहे हैं। वहीं, एलन बॉर्डर जैसे पूर्व कप्तान भी हैं जो उनके पक्ष में खड़े हैं। और अब पूर्व कंगारू क्रिकेटर और पूर्व कोच रहे डेरैन लीमन ने भी कोहली के पक्ष में आवाज बुलंद की है।
बॉल टेंपरिंग के वाकिए के बाद ऑस्ट्रेलिया के कोच के पद से इस्तीफा देने वाले पूर्व कोच डेरेन लीमैन ने विराट कोहली का बचाव करते हुए कहा है कि वह हर समय जीत की इच्छा रखने वाला ‘जल्दी उत्तेजित होने वाले ’ खिलाड़ी है जिसके मैदान पर बर्ताव में कोई खराबी नहीं है ।
दरअसल, सीरीज के दूसरे टेस्ट यानी पर्थ टेस्ट में कोहली और ऑस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन दूसरे टेस्ट के दौरान मैदान पर कई मौकों पर भिड़ गए। भारत यह मैच 146 रन से हार गया। बीसीसीआई और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने दोनों के बीच हुई छींटाकशी को सभ्यता के दायरे में बताया लेकिन भारत और ऑस्ट्रेलिया के कई पूर्व क्रिकेटरों ने कोहली की आक्रामकता की आलोचना की है।
लीमन ने कहा कि कोहली काफी जुनूनी है। मैदान पर वह ऐसे ही रहते हैं और हमेशा ऐसे ही रहेंगे। वह जल्दी उत्तेजित हो जाते है। वह हमेशा जीतना चाहता है और चुनौतियां उसे पसंद हैं। उन्होंने कहा कि वह सिर्फ अपने लिए नहीं, देश को जीतते देखना चाहता है। इस तरह की छींटाकशी में कोई बुराई नहीं है।
लीमन ने कहा कि कोहली या टिम पेन किसी ने भी सीमारेखा पार नहीं की। यह अच्छी छींटाकशी थी और स्टम्प माइक के कारण सुनने में मजा आया।
ऑस्ट्रेलिया के मौजूदा कोच जस्टिन लैंगर ने भी इसे हंसी मजाक से भरपूर कहा था। लीमन ने कहा कि इसे अनावश्यक विवाद नहीं बनाया जाना चाहिए। देश के लिये खेलते समय इस तरह का जुनून रहना जरूरी है। मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है। पर्थ में जो कुछ हुआ, उसे लेकर कोई नौटंकी नहीं होनी चाहिए। लैंगर ने कहा कि अपना खेल दिखाओ और यह सुनिश्चित करो कि यह निजी नहीं है और खेल को खेलभावना से खेलो । मुझे यकीन है कि मैच के बाद या सीरीज के बाद सब ठीक हो जाएगा।’