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मंडी: फोरलेन निर्माण में लगे 60 स्थानीय मजदूरों को कंपनी ने दिखाया बाहर का रास्ता

संजय धर्मपुर |

कीरतपुर-मनाली फोरलेन निर्माण में मंडी जिला में टनलों का कार्य कर रही अशोक चौहान एंड कंपनी ने 60 स्थानीय मजदूरों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। कंपनी ने इन मजदूरों को हटाकर बाहरी मजदूरों को काम पर रखा है, जिसको लेकर विरोध के स्वर उठने लग गए हैं। जानकारी के अनुसार सबसे पहले शंकर ठेकेदार को पीआरडब्ल्यू का काम दिया गया था उनके 32 मजदूरों को कंपनी ने 8 दिसंबर को निकाल दिया। उसके बाद 15 दिसंबर को डिबले राम के पीआरडब्ल्यू के 15 वर्करों और बाद में दिलीप सिंह के पीआरडब्ल्यू के 12 मजदूरों को कंपनी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया।

भारतीय मजदूर संघ की स्थानीय इकाई के प्रधान शेर सिंह का कहना है कि कंपनी ने बीना कोई नोटिस दिए इन मजदूरों को निकाला है और यह सभी मजदूर स्थानीय निवासी थे। शेर सिंह ने कहा कि अगर जल्द ही इन मजदूरों को दोबारा काम पर नहीं रखा गया तो नागधार पंचायत के सभी ग्रामीण निकाले गए मजदूरों के साथ धरने पर बैठ जाएंगे। स्थानीय पंचायत प्रधान दिलीप ठाकुर ने कहा कि स्थानीय मजदूरों को निकालकर बाहरी मजदूरों को काम पर रखना गलत बात है और इस बारे में कंपनी प्रबंधन से जल्द ही बात की जाएगी।

वहीं जब इस बारे में अशोक चौहान एंड कंपनी के सीईओ ललित स्वराज भूषण से बात की गई तो उन्होंने बताया मजदूरों को नियमों के तहत निकाला गया है। मजदूरों को पीआरडब्ल्यू आउटसोर्स के तहत ठेकेदार के जरिये रखा गया था। इन सभी मजदूरों को इनका कार्य पूरा होने के उपरांत इनके ठेकेदारों को नोटिस दिया गया था, जिसके उपरांत इनको निकाला गया है। उन्होंने बताया कि जो भी मजदूर बाहरी राज्य से लाए गए हैं उन्हें टनल कार्य का अनुभव हे। अगर भविष्य में किसी भी मजदूर की कंपनी को जरूरत पड़ती है तो निकाले गए मजदूरों को ही प्राथमिकता दी जाएगी।