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दागी अधिकारियों को समय से पहले रिटायर्ड करे सरकार: हाईकोर्ट

समाचार फर्स्ट |

प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह जनहित को ध्यान में रखते हुए उन अधिकारियों को समय से पहले से रिटायर्ड करने के लिए शक्तियों का प्रयोग करे, जो दागी धवि के कारण अवांधित हो चुके हैं। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकात और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने दागी अधिकारियों को संवेदनशील पदों से हटाने से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया।

कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश जारी किया कि वह उन अधिकारियों के बाबत न्यायालय के समक्ष स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे जिनके खिलाफ सक्षम न्यायालय के समक्ष या तो चालान पेश किए जा चुके हैं या अभी तक किसी कारणवश चालान पेश नहीं किए गए हैं। जिनके खिलाफ चालान पेश किए जा चुके हैं, क्या उनके खिलाफ आरोप तय कर लिए गए हैं या नहीं? संपूर्ण जानकारी कोर्ट के समक्ष दाखिल करने के आदेश जारी किए गए हैं ताकि इन मामलों ने जल्द ट्रायल संपन्न करने के आदेश जारी किए जा सकें।

संवेदनशील पदों पर न बैठाए जाएं दागी अधिकारी

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जिन अधिकारियों की छवि संदिग्ध है, उन्हें संवेदनशील पदों पर न बिठाया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए वे लोग आपराधिक मामले से जुड़े रिकॉर्ड के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ न करें। मार्च 2018 में न्यायालय के समक्ष दायर शपथपत्र के अनुसार 66 अधिकारियों के खिलाफ संदेहास्पद छवि के कारण मामले चल रहे थे। इनमें से 19 अधिकारियों को संवेदनशील पदों पर तैनात किया गया था।

इसके अलावा 54 अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही थी जबकि 12 अधिकारियों के खिलाफ विभिन्न अदालतों में आपराधिक मामले चल रहे थे। 54 अधिकारियों मे से 28 के खिलाफ जाच पूरी कर ली गई है। 26 अधिकारियों के खिलाफ जाच पूरी की जानी है। 26 में से 16 अधिकारियों के खिलाफ जाच कमीश्नर डिपार्टमेंट इन्कवायरी और 10 अधिकारियों के खिलाफ विभिन्न विभागों के समक्ष विभागीय जाच लंबित है। कोर्ट  ने कमीश्नर डिपार्टमेंटल इन्कवायरी और संबंधित विभागों को आदेश जारी किए हैं कि वह इन लोगों के खिलाफ तुरंत विभागीय जांच पूरा कर दो माह के भीतर अंतिम निर्णय लें।