लाहौल स्पीति में पारा लगातार लुढ़क रहा है, जिससे चंद्रभागा नदी जमने लगी है। लाहौल स्पीति की कई झीलें पहले ही जम गई है। यहां लगातार तापमान में गिरावट आ रही है। बुधवार को ही शाम पांच बजे केलंग का तापमान शून्य नीचे पहुंच गया था। लाहौल स्पीति के ऊंचाई वाले अधिकतर जलस्रोत जम गए हैं, इससे पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। बर्फ़बारी से इस जिले को मुख्यधारा से जोड़ने वाला रोहतांग दर्रा पहले ही बंद हो चुका है।
लाहौल के लोग अब पूरी तरह से हवाई सेवा पर ही निर्भर हो गए हैं। लाहौल के लोगों ने बताया कि घाटी में पारा लगातार लुढ़क रहा है। उन्होंने बताया कि जल स्रोत भी जमने लगे है। दारचा, योचे, छीका रारिक, जिस्पा, नेनगर, गवाड़ी, चौखंग व मयाड़ घाटी के ऊपरी क्षेत्रों में जलस्रोत जम गए है।
पटन घाटी के निवासी अशोक और दिनेश जसपा ने बताया कि चंद्रभाग नदी लगभग जमने लगी है। हालांकि, अभी पूरी तरह से बर्फ की चादर नदी पर नहीं बनी है, लेकिन जिस ढंग से तापमान में गिरावट आ रही है, उससे यह नदी कुछ दिन में पूरी तरह से जम जाएगी।
रोहतांग दर्रे सहित धुंधी जोत, मकरबेद शिकरबेद, हनुमान टीबा, इंद्र किला, हामटा, भृगु की पहाड़ियों, डशोहर झील सहित समस्त ऊंची चोटियों में बर्फ के फाहे गिरना शुरू हो गए है। मौसम के।बदले मिजाज से लाहुल व कुल्लू मनाली घाटी एक बार फिर ठंड की चपेट में आ गई है। पहाड़ो पर हो रही बर्फबारी से पर्यटन व्यवसायी भी खुश है। मनाली शहर में भी बर्फ़बारी होती है तो नव वर्ष की संध्या के दौरान सैलानियो का सैलाब उमड़ेगा।