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PM मोदी की रैली में भूख से लड़ते रहे BJP के हजारों लाभार्थी, पैक लंच देने की व्यवस्था की खुली पोल

मृत्युंजय पूरी, धर्मशाला |

धर्मशाला पुलिस मैदान में आयोजित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जन आभार रैली के लिए प्रदेश भर से आए हजारों लोगों को असुविधाओं की मार झेलनी पड़ी। रैली स्थल तक पहुंचने के लिए लोगों को पैदल चल कर रैली स्थल पर पहुंचना पड़ा और ऐसे में सरकार के व्यवस्थाओं के वायदें फलीभूत होते हुए नहीं दिखे। लोगों को खाने की व्यवस्था करने वाली सरकार के एक साल के कार्यकाल में आयोजित होने वाली रैली में सुबह से लेकर दोपहर तक लोगों को या तो भूखे पेट ही रहना पड़ा या फिर स्थानीय दुकानों में अपनी जेबों से पैसे खर्च कर खाने का इंतजाम करना पड़ा।

ऐसी ही व्यवस्थाओं का व्याख्यान करते हुए चंबा जिला के सलूणी मंडल से आए बीजेपी के कार्यकर्ताओं के साथ आए लाभार्थियों ने बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री की रैली के लिए धर्मशाला लाया गया था लेकिन, जिन कार्यकर्ताओं के साथ वह आए वे उन्हें नहीं मिले और उनसे संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन वह उनसे नहीं मिल पाए। उन्होंने कहा कि शाम सुबह उन्होंने अपनी जेब से पैसे खर्च कर खाने का इंजताम किया। इन कहना था कि उन्हें रैली में आने पर हर प्रकार की व्यवस्था का भरोसा दिया गया था, लेकिन उन्हें यहां पर भारी परेशानी झेलनी पड़ी।

ऐसे में न जाने हजारों की संख्या में कितने लाभार्थियों को इस तरह की दिक्कतें पेश आई होंगी ये तो भली-भांति समझा जा सकता है। हालांकि, रैली स्थल पर पहुंचे लोगों को पीने के पानी की उचित व्यवस्था सरकार द्वारा की गई है थी और जिन-जिन जिलों से लोगों को रैली स्थल में लाया गया था उन्हें बकायदा बसों के माध्यम से रैली स्थल तक पहुंचाया गया था। रहने और खानपान की व्यवस्था सरकार द्वारा की जानी थी जिसके लिए सरकार ने करीब 35 हजार लोगों को पैक लंच देने की व्यवस्था की हुई थी।

पार्किंग स्थलों से रैली स्थल तक खुद पहुंचे लाभार्थी

सरकार के एक साल की दास्तां सुनाने के लिए बुलाए गए लाभार्थियों को चयनित की गई पार्किंग स्थलों से रैली स्थल तक खुद ही पहुंचना पड़ रहा था। इनमें ज्यादातर लोग ऐसे थे पहली बार धर्मशाला आए थे और उन्हें रैली स्थल तक पहुंचना काफी दिक्कतों भरा रहा। रैली खत्म होने के बाद लोगों को यह भी मालूम नहीं था कि वे किस स्थान पर उतरे और अब उन्हें उस स्थान तक जाने के लिए कहा से जाना होगा। हजारों लोग अपने तय स्थान तक पहुंचने के लिए इधर से उधर भटकते हुए नज़र आए।