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बर्फीली वादियों में फंसे पर्यटक, आग के सहारे गुफा में काट दी सारी रात

समाचार फर्स्ट डेस्क |

देहरादून के पिथौरागढ़ में पौष की बर्फीली चुभन भरी रात में भैंसियाताल में फंसे ट्रेकरों ने गुफा में आग के सहारे रात गुजारी। जहां उन्हें वन्य जीवों का डर तो था ही लेकिन आग ने हौसला बनाए रखा। तड़के 3 बजे जब रेस्क्यू टीम गुफा के नजदीक पहुंची तो ट्रेकरों की जान में जान आई। भैंसियाताल क्षेत्र में फंसे 7 पर्यटकों, 3 पोर्टरों और 1 गाइड ने कड़ाके की ठंड में वहां जमी बर्फ और भोजपत्र खाकर रात बिताई। दल के सदस्यों ने किसी तरह आग जलाकर हाड़कंपाती ठंड में खुद को जिंदा बचाये रखा।

दरअसल, मंगलवार को बागेश्वर के गोगिना से निकला 11 सदस्यीय ट्रेकरों का दल दोपहर 12 बजे भैंसियाताल बुग्याल पहुंचा। गाइड नेत्र सिंह रौतेला के नेतृत्व में दल खलियाटॉप की ओर रवाना हुआ तो इस बीच एक ट्रेकर पंकज की तबीयत अचानक खराब हो गई। इस पर दल ने वापस भैंसियाताल लौटने का निर्णय लिया। उन्हें वहां रात गुजारने के लिए एक गुफा दिखी जिसमें सभी लोगों ने आग जलाकर उसके सहारे सारी रात काट दी।

गाइड नेत्र सिंह ने मोबाइल पर बताया कि शाम साढ़े पांच बजे तक उन्होंने भेड़-बकरी पालकों द्वारा छोड़ी गई लकड़ियों को एकत्र किया। इसके बाद सभी लोग गुफा के अंदर घुस गए। भैंसियाताल में करीब ढाई फुट तक बर्फ जमा थी। इसके चलते शाम होते हुए चुभन भरी बर्फीली हवाएं चलने लगीं। आग जलाकर सभी लोग उसके घेरे में बैठ गए।

ट्रेकर दल को रात में वन्य जीवों का डर भी बना रहा, लेकिन आग की तपिश ने उनमें ऊर्जा का संचार किया। बाद में भूखे-प्यासे दल के सभी सदस्य कड़ाके की ठंड में नींद में ऊंघने लगे। नेत्र सिंह ने बताया कि कभी-कभी विषम परिस्थितियां आ जाती हैं, लेकिन उन्होंने धैर्य नहीं खोया।