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शिमला का ये स्कूल जहां आज भी भटकती है घुड़सवार की ‘आत्मा’, गुलाब देकर ले लेता है जान

पी. चंद, शिमला |

अंग्रेजों द्वारा बसाए गए शिमला शहर में अभी भी कई ऐतिहासिक इमारतें है जो ब्रिटानिया हकूमत की यादें ताज़ा करती है। इन पुरानी इमारतों से कई भूतिया कहानियां भी जुड़ी हुई है। शिमला के प्रतिष्ठित जीसस एंड मेरी स्कूल से भी डरावाने किस्से जुड़े हुए हैं जो रोंगटे खड़े करते हैं। इस स्कूल को लेकर कई तरह की अफवाहें भी उड़ती रही हैं।

माना जाता है कि यहां कोई सरकटा घुड़सवार आता है जो स्कूल कि लड़कियों को गुलाब का फूल देता है, अगर कोई भी लड़की उस गुलाब को ले लेती है या उस घुड़सवार के साथ चली जाती है तो वो उसे मार डालता है। कहा तो ये भी जाता है कि वर्तमान में जो खेल का मैदान है वहां कभी बच्चों को दफनाया गया था। उन्हीं की आत्माएं भी यहां भटकती हैं, जो गाहे बगाहे लोगों को डराती है।

ताज़ा घटना में 2012 को जीसस एंड मेरी स्कूल से अचानक दो छात्राएं रहस्यमयी ढंग गायब हो गई जिनके शव लगभग एक किलोमीटर दूरी पर काली ढांक के पास मिले। ऐसी बहुत सी घटनाएं इस स्कूल के नाम दर्ज हैं जो इसे एक भूतिया जगह मानने को मजबूर करती है।

'घोस्ट स्टोरीज ऑफ शिमला हिल्स'  पुस्तक में भी लेखिका 'मिनाक्षी चौधरी' ने जीसस एंड मेरी स्कूल के भूत के बारे में लिखा है। मीनाक्षी चौधरी ने शिमला की हसीन वादियों से हटकर वहां के डरावने अनुभवों को शब्दों के जरिए क़िताब में उकेरने की कोशिश की है।