नोएडा स्थित जेपी मल्टी सुपर-स्पेशियालिटी हॉस्पिटल ने एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें लोगों को मोटापे के कारण, रोकथाम और पोषण एवं व्यायाम की जरूरतों के बारे में जानकारी दी गई। मोटापा इस समय दुनिया की सबसे बड़ी समस्याओं में से है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मोटापे को स्वास्थ्य के 10 मुख्य जोखिमों में से एक बताया है। 23 फीसदी से अधिक महिलाएं या तो मोटापे की शिकार हैं या उनका वजन सामान्य से कम है । यह दर पुरुषों (20 फीसदी) की तुलना में अधिक है।
जेपी हॉस्पिटल के सर्जरी विभाग के निदेशक डॉ. राजेश कपूर ने कहा कि भारत में ओबेसिटी 21वीं सदी में लगभग महामारी का रूप लेती जा रही है। शारीरिक व्यायाम की कमी और सुस्ती के चलते भारत में मोटापे के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। देश की 5 फीसदी आबादी गंभीर मोटापे की शिकार है। मोटापे के सबसे मुख्य कारण खाने-पीने की गलत आदतें, गतिहीन जीवनशैली, नींद की कमी और तनाव आदि हैं। भारत में मोटापे की समस्या आज चीन और अमेरिका के आंकड़ों को भी पार कर चुकी है।
मोटापे से ये होता है नुकसान:
मोटापे के कारण शरीर में कुछ हॉर्मोन और अतिरिक्त वसा का निर्माण होने लगता है जो डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, डिसलिपिडेमिया, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया, प्राइमरी स्टर्लिटी जैसी कई बीमारियों का कारण हो सकता है। इनसे दिल की बीमारियों (हार्ट अटैक, स्ट्रोक) और कई प्रकार के कैंसर (स्तन, अंडाशय, गर्भाशय, अग्नाशय) तथा गुर्दा संबंधित रोगों की संभावना बढ़ जाती है।
ये करें उपाय:
जेपी हॉस्पिटल की बेरिएट्रिक काउंसलर एवं न्यूट्रीशनिस्ट श्रुति शर्मा ने कहा कि मोटापा भारत में एक बड़ी समस्या बन चुका है। पानी का सेवन भरपूर मात्रा में करें और चीनी युक्त पेय पदार्थों जैसे फलों के रस और अन्य पेय पदार्थो का सेवन सीमित मात्रा में करें। सेहतमंद भारतीय आहार में दालें, अनाज, सब्जियां, फल, डेयरी उत्पाद और मसाले शामिल हैं।