कोटखाई गैंगरेप हत्या मामले में शुक्रवार दोपहर बाद मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने CBI जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। सुबह से सड़कों पर जिस तरह से जनता का आक्रोश फूट रहा था उसके मद्देनजर वीरभद्र के कैबिनेट के साथी भी उन्हें सीबीआई की सलाह देते नज़र आए।
जनता के अलावा वीरभद्र कैबिनेट के कद्दावर मंत्री जीएस बाली भी लोगों की मांग को जायज ठहराते हुए सीबीआई जांच की मांग कर डाली। दरअसल, मुख्यमंत्री के ऐलान से ठीक पहले जीएस बाली ने अपने फेसबुक पेज पर मामले में तत्काल प्रभाव से सीबीआई जांच की मांग की।
जीएस बाली ने लिखा, “कोटखाई प्रकरण ने प्रदेश की जनता को आक्रोशित किया है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार देवभूमि के शांत रहने वाले हजारों लोग सड़कों पर उग्र रूप से शासन और प्रशासन के खिलाफ उतर आए हैं। जनता के भरोसे और विश्वसनीयता को कायम रखना हर सरकार की प्रथम जिम्मेदारी है। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए हिमाचल सरकार और माननीय मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूँ कि जनभावनाओं को देखते हुए मामले को सीबीआई या मैजिस्ट्रेट इन्क्वारी को सौंपने के बारे में निर्णय लें।”
इससे पहले जीएस बाली का मुख्यमंत्री को लिखा एक लेटर भी 11 जुलाई को मीडिया में लीक हुआ था। इस लेटर में भी बाली ने मुख्यमंत्री को कोटखाई मामले में दुख प्रकट करने के साथ-साथ निष्पक्ष जांच की मांग की थी।
समाचार फर्स्ट को मिली जानकारी के मुताबिक वीरभद्र सरकार में शामिल लोग भी उन पर सीबीआई जांच का दबाव लगातार बना रहे थे। वहीं, कांग्रेस से जुड़े अधिकांश लोग भी इस मामले में निष्पक्ष ढंग से जांच के लिए मामला सीबीआई को सौंपने की वकालत कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सीबीआई जांच को सिरे से खारिज कर दिया था। इतना ही नहीं उन्होंने तो सीबीआई जांच की मांग कर रही कोटखाई की जनता को ज्यादा होशियार नहीं बनने की नसीहत भी दे डाली थी। लेकिन, जनता के सड़क पर उतरने और आक्रोशित भीड़ का गुस्सा पुलिस पर उतरने के बाद उनके ही मंत्री की नसीहत सीबीआई जांच को हरी झंडी देने पर मजबूर कर दिया।