कोटखाई गैंगरेप-हत्या मामले को बढ़ता देख बीजेपी नेता ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि कोटखाई मामले में जांच कर रही पुलिस के हाथ खुद काले कारनामों से रंगे पड़े हैं।
शिमला के एसपी DW नेगी पर आरोप है कि उनके दवाब के चलते एक आदमी ने आत्महत्या की है। यहां तक पुलिस ने उनके परिजनों की शिकायत तक दर्ज नहीं की, पीड़ित परिवार को मजबूर होकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा जिसके बाद FIR दर्ज की गई। यदि पुलिस और सरकार के अफसरों की स्थिति ऐसी है, तो राज्य के ऐसे सीएम और ऐसे अफसरों को मर जाना चाहिए। ऐसे लोगों को सामाजिक कार्यों को छोड़ देना चाहिए।
गौरतलब है कि ज्ञाछो ने आत्महत्या में एक सुसाइड नोट लिखा था जिसमें उन्होंने एसपी नेगी समेत पूह थाने के ASI रमेश और हेड कॉन्सटेबल हुकुम का जिक्र किया था। चौंकाने वाली बात यह है कि एएसआई और हेड कॉस्टेबल को तो तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया। लेकिन, एसपी नेगी से पूछताछ भी नहीं की गई। पुलिस की नीयत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब वह मामले को दर्ज कर रही थी तब उन्होंने सुसाइड नोट में जिक्र की गई बातों को नज़रअंदाज करके अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर रही थी।
ये भी पढ़ें: नहीं दबा सके मामला, क़ानून के शिकंजे में SP शिमला