सरकार द्वारा बीएसएनएल कर्मचारियों की मांगों पर नकारात्मक रवैया अपनाने के कारण कर्मचारियों ने हड़ताल को अनिश्चितकालीन करने के लिए प्रस्ताव पारित कर दिया। ऑल यूनियन एंड एसोसिएशन ऑफ बीएसएनएल के केंद्रीय नेतृत्व को भेज दिया है। इस प्रस्ताव में कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की बात कही है।
एनएफटीई के राष्ट्रीय संगठन सचिव सत्येंद्र गौतम ने बताया कि सरकार द्वारा मांगों पर कोई भी सकरात्मक रवैया न अपनाने के कारण यह प्रस्ताव पारित किया गया है। 3 दिन से अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल पर हैं लेकिन प्रबंधन और सरकार संगठनों को वार्ता के लिए बुलाने की अपेक्षा कर्मियों को डरा रहे हैं ऐसा रवैया उचित नहीं। इससे पहले हड़ताल के तीसरे दिन भी बीएसएनएल कर्मियों ने मुख्य डाकघर धर्मशाला के पास धरना प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारेबाजी की।
नेताओं ने कहा कि सरकारी कंपनी होने के बावजूद भी बीएसएनएल को आजतक 4जी लाइसैंस और स्पेक्ट्रम नहीं दिया गया है जबकि निजी ऑपरेटर को 2010 में ये स्पेक्ट्रम दे दिए गए हैं। बीएसएनएल का घाटा निजी कंपनियों के 8 लाख करोड़ के मुकाबले मात्र 31 हजार करोड़ है परंतु इसे सबसे ज्यादा घाटे वाली कंपनी के रूप में बदनाम किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि बीएसएनएल बचेगा तो ही राष्ट्र निजी कंपनियों की लूट से बचेगा। उन्होंने कहा कि कर्मियों ने जनवरी 2017 से देय वेतनमान पर प्रबंधन और मंत्री के वायदे पर मुकरने पर हैरानी जताई। इस अवसर पर सभी संगठनों के जिला सचिव व पदाधिकारी सत्येन घई अमरजीत ङ्क्षसह आदि कर्मचारी मौजूद रहे।