एप्पल और फेसबुक दुनिया की दो सबसे बड़ी टेक कंपनियां हैं जो रोजाना अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए कुछ अलग कर रही हैं। दोनों कंपनियों की इनकम के साथ फैन बेस भी काफी ज्यादा है जिसे लोग पसंद करने के साथ इसके साथ जुड़े भी हुए हैं। साल 2018 में फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा था कि उनके लिए सबसे बड़ा प्रतियोगी एप्पल का iMessage है। उन्होंने आगे कहा था कि अमेरिका जैसे देश में आईफोन काफी मजबूत है तो वहीं एप्पल का iMesage भी डिफॉल्ट टेक्सटिंग एप के मामले में काफी आगे है।
जुकरबर्ग ने पिछले हफ्ते एक लंबा पोस्ट लिखा जहां उन्होंने कहा कि वो मैसेजिंग को आनेवाले समय में काफी मजबूत देखते हैं। उन्होंने आगे कहा कि वो चाहते हैं लोग उनके तीनों प्लेटफॉर्म यानी की व्हॉट्सएप, इंस्टाग्राम और मैसेंजर को एक मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के रुप में इस्तेमाल करें। यानी की वो साल 2020 तक इन तीनों प्लेटफॉर्म को मैसेज के रुप में पूरी तरह से तैयार कर देंगे।
मीडियी रिपोर्टस के अनुसार अगर ऐसा होता है तो फेसबुक की सीधे जंग एप्पल से होगी। वहीं, अगर मैसेजिंग की बात करें तो इसमें कोई दो राय नहीं कि एप्पल का आईमैसेज काफी पॉपुलर एप है। आईफोन की सेल गिरने के बावजूद अभी भी अमेरिका और दूसरे देशों में कई लोग ऐसे हैं जो एप्पल डिवाइस का इस्तेमाल कर रहे हैं। तो अब जब जुकरबर्ग ने मैसेजिंग के बारे में बात की है तो इससे एक बात तो तय हो गई है कि आनेवाले समय में ये जंग एप्पल और आईफोन के बीच ही होगी। जैसे चीन में फेसबुक को बैन करने के बाद सबकुछ वीचैट पर ही निर्भर था लेकिन अब आईफोन इसके लिए सबसे बड़ा खतरा है।
बता दें कि एप्पल के सीईओ टीम कुक और जुकरबर्ग के बीच रिश्ता कुछ ज्यादा अच्छा नहीं है। लेकिन एक मामले में फेसबुक को अपनी प्राइवेसी को लेकर फजीहत जरूर झेलनी पड़ी जहां इसके लिए एप्पल गर्व महसूस करता है। जुकरबर्ग एप्पल को चीन जैसे देशों में अपना डेटा सेंटर लगाने को लेकर ताना मार चुके हैं क्योंकि चीन में बोलने की आजादी वैसे ही कम है। ऐसे में फेसबुक जब मैसेजिंग पर फोकस कर रहा है तो आनेवाले समय में दोनों कंपनियों के बीच ये जंग काफी शानदार तरीके से लड़ी जा सकती है।