जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर निसार अहमद तांत्रे को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से भारत लाया गया। सरकार ने उसे 31 मार्च को यूएई से प्रत्यर्पित किया था। निसार ने खुलासा किया है कि उसे 14 फरवरी की पुलवामा आत्मघाती कार बम विस्फोट के बारे में पता था। निसार ने बताया है कि उसे इस हमले की जानकारी इसलिए थी क्योंकि हमले के मुख्य साजिशकर्ता मुदस्सिर खान ने उसे इस हमले में शामिल होने के लिए कहा था। उसने पूछताछ में बताया कि पाकिस्तान में जैश के नेतृत्व के निर्देशों पर हमले की योजना बनाई गई थी।
जैश कमांडर ने यह पहली पुष्टि की है कि पुलवामा हमला संगठन के नेतृत्व के आदेश पर किया गया था और खान वह व्यक्ति था जिसने इस हमले को अंजाम दिया। अब तक भारतीय जांच एजेंसियां खुफिया जानकारी और कुछ निचले स्तर के जैश आतंकियों की पूछताछ पर निर्भर थी। तांत्रे मारे गए जैश नेता नूर अहमद तांत्रे का भाई है, जो इस साल फरवरी में भारत से भाग गया था।
इंटेलिजेंस ब्यूरो के एक अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि उसका कश्मीर घाटी में जैश कैडर्स पर महत्वपूर्ण प्रभाव है, खासकर जब उसने 30 दिसंबर 2017 को लेथपोरा में सीआरपीएफ कैंप पर हमले की योजना बनाई। तांत्रे ने पूछताछ में बताया कि खान सोशल मीडिया एप के जरिए बात करता था और उसने उसे फरवरी के मध्य में पुलवामा में कहीं काफिले में विस्फोट करने की जानकारी दी थी।
एनआईए के एक अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया है कि खान ने तांत्रे से बम ब्लास्ट की योजना और उसे अंजाम देने के लिए मदद मांगी थी। तांत्रे घाटी में जैश का एक सीनियर कमांडर था और उसकी मौजूदगी से ऑपरेशन का हिस्सा लेने वाले आतंकी उसकी मौजूदगी से प्रेरित होते।
हालांकि तांत्रे ने पुलवामा हमले में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है, जहां एक आत्मघाती हमलावर ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था और इस हमले में 40 जवान शहीद हुए थे। इस हमले ने भारत और पाकिस्तान को युद्ध के कगार पर ला दिया था। तांत्रे ने कहा है कि जब पुलवामा हमला हुआ था तो वह दुबई में था।