अपने मंत्री से इस्तीफा देने के बाद अनिल शर्मा ने बड़ा बयान दिया है। अनिल शर्मा ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार से लेकर सभी नेता उनपर दबाव बनाने का काम कर रहे थे। मुख्यमंत्री की बयानों से वे बेहद आहत हुए हैं और ये कहना कि मंत्री ग़ायब है बहुत ही ग़लत है। पारिवारिक गतिविधियों के चलते वे शिमला में थे और मुख्यमंत्री को इस बात का पता था कि मैं शिमला में हूं। लेकिन फिर उनका ये बयान जनता को मुद्दों से भटकाने वाला है।
अनिल शर्मा ने ख़ासतौर पर मुख्यमंत्री के बयानों पर नाराज़गी ज़ाहिर की और एक के बाद एक उन्हें खरी खरी सुनाई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री किसी जिले का मुख्यमंत्री नहीं होना चाहिये, उसे पूरे प्रदेश का ख़्याल रख़ना चाहिए। चुनावी बेला में लोगों को सुखराम परिवार पर बयान देकर उनकी तरफ़ ध्यान भटका रहे हैं, जबकि उन्हें विकास और मुद्दों पर बात करनी चाहिए।
साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मुख्यमंत्री एक श़रीफ और दिल के साफ़ हैं। लेकिन कुछ लोगों को कहने पर वे ये सब कर रहे हैं। उन्हें याद रख़ना चाहिए कि वे कद में बेशक हमसे ऊपर हों, लेकिन उम्र में हमसे बहुत छोटे हैं। हमने शुरुआत से राजनीति देखी है और राजनीतिक परिवारों के लिए टिकट मांगना कोई ग़लत बात नहीं। इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि वे अभी भी बीजेपी के सदस्य हैं और उनके लिये प्रचार नहीं करेंगे।