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हिमाचल में पहली बार, एक भी कांग्रेस प्रत्याशी अपना घर नहीं बचा पाये

धर्मराज सिंह |

लोकसभा चुनाव के नतीजे आ चुके है । नतीजों को देखने के बाद ये साफ हो रहा है कि बीजेपी इतनी बड़ी जीत दर्ज करने वाली है । ये बात बीजेपी के लोग भी नहीं मान रहे थे । बीजेपी के शिमला से विजयी सुरेश कश्यप ने इसे स्वीकार भी किया है । कांग्रेस की इतनी बुरी हार की कई वजह है । जिसका कांग्रेस के अंदर आने वाले दिनों में मंथन जरुर होगा ।

लेकिन नतीजे देखने के बाद कांग्रेस की हार की जो सबसे बड़ी वजह लगती है, वो है कांग्रेस प्रत्याशियों का अपने घर को नहीं संभाल पाना । हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस फिर से चार की चार सीट हार चुकी है । लेकिन हिमाचल के इतिहास में ये पहली बार हुआ है कि एक भी प्रत्याशी अपना घर तक नहीं बचा पाये । मंडी से कांग्रेस के प्रत्याशी आश्रय शर्मा अपने इलाके से ही बढ़त हासिल नहीं कर पाये । यही हाल नैना देवी के विधायक औऱ हमीरपुर से प्रत्याशी रामलाल ठाकुर, कांगड़ा से विधायक औऱ प्रत्याशी पवन काजल और शिमला से प्रत्याशी धनीराम शांडिल का रहा ।

देखें आंकड़े

आश्रय शर्मा मंडी सदर से 27491 वोटों से पीछे रहे
रामलाल ठाकुर नैना देवी से 10833 वोटों से पीछे रहे
कांगड़ा से पवन काजल 23583 वोटों से पीछे रहे
सोलन से धनीराम शांडिल 16188 वोटों से पीछे रहे

इसके अलावा पार्टी के स्टार प्रचारक औऱ पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर और पूर्व  प्रदेश अध्यक्ष सुखवींद्र सिंह सुक्खू भी अपना किला नहीं बचा पाये औऱ अपने अपने क्षेत्रों से पार्टी प्रत्याशी को बढ़त नहीं दिला पाये ।

देखें आंकड़े

चौपाल में कांग्रेस 26860 वोटों से पीछे रही
नादौन में कांग्रेस 27344 वोटों से पीछे रही
अर्की में कांग्रेस 29454 वोटों से पीछे रही
शिमला ग्रामीण में कांग्रेस 15962 वोटों से पीछे रही

इन आंकड़ों को देखने और समझने के बाद ये कहा जा सकता है कि कांग्रेस की बुरी हार की सबसे बड़ी वजह रही अपने घर को नहीं बचा पाना ।