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बागवानों के साथ की जा रही धोखाधड़ी, सरकार जल्द करे कार्रवाई: समिति

पी. चंद, शिमला |

किसान संघर्ष समिति प्रदेश सरकार से मांग की है कि किसानों और बागवानों से प्रदेश की विभिन्न मण्डियों में की जा रही धोखाधड़ी व शोषण पर रोक लगाने के लिए तुरन्त प्रभावी कदम उठाए। मार्किटिंग बोर्ड व एपीएमसी को एपीएमसी अधिनियम, 2005 के प्रावधानों को तत्काल प्रभाव से लागू करने के आदेश दे। प्रत्येक कारोबारी, आढ़ती, लदानी, खरीदार व अन्य सभी के इस अधिनियम के तहत लाइसेंस जारी किए जाएं और इनके कारोबार पर पुर्णतः नियंत्रण रखा जाए। इसके साथ ही किसानों व बागवानों को उनके उत्पाद के समयबद्ध उचित कीमत सुनिश्चित की जाए। इसके लिए प्रत्येक खरीददार से सुरक्षा के रूप मे कम से कम 50 लाख रुपये की बैंक गारंटी अनिवार्यता लागू की जाए।

आज प्रदेश के हजारों किसानों व बागवानों के सैंकड़ों करोड़ रुपये का बकाया भुगतान आढ़तियों व खरीददारो ने कई वर्षों से करना है। परन्तु सरकार, मार्किटिंग बोर्ड व ए पी एम सी की लचर कार्यप्रणाली से किसान व बागवान मण्डियों में शोषित व धोखाधड़ी का शिकार हो रहें हैं। बागवानों द्वारा बार बार एपीएमसी और मार्किटिंग बोर्ड के पास शिकायत दर्ज करने पर भी दोषी आढ़तियों व खरीददारो पर कोई कार्यवाही नही की गई और इस लचर व्यवस्था के चलते धोखाधड़ी करने वाले ख़रीदारों व आढ़तियों की संख्या में वर्ष दर वर्ष वृद्धि हो रही है।

इन शिकायतों पर पहले से ही माननीय उच्च न्यायालय ने भी कड़ा संज्ञान लिया है और पुलिस को 25 अप्रैल को डीएसपी के नेतृत्व में SIT गठित करने के आदेश जारी किए हैं। SIT को इसकी विस्तृत रिपोर्ट उच्च न्यायालय को देने के आदेश जारी किए गए हैं। अब 29 मईको यह रिपोर्ट उच्च न्यायालय में पेश की जाएगी।

करीब 100 बागवानों ने दोषी आढ़तियों के विरुद्ध ठियोग, कोटखाई, छैला, जुब्बल व नारकंडा पुलिस थाना में FIR कर मामले दर्ज किये हैं। इनमें से नवंबर, 2018 में  ठियोग थाना में 17 बागवानों द्वारा दोषी आढ़तियों के विरुद्ध किये गए मामले में 24 लाख का भुगतान कर दिया गया है। इस मामले में भी उच्च न्यायालय ने कड़ा संज्ञान लिया था और दोषी आढ़ती को तब तक जमानत नहीं दी जब तक कि बागवानों का भुगतान नहीं किया गया तथा दूसरे दोषी आढ़ती को एक माह तक जेल में बंद रखा तथा भुगतान करने के बाद ही रिहा किया गया।

किसान संघर्ष समिति सरकार से मांग करती है कि दोषी आढ़तियों के विरुद्ध तुरंत कार्यवाही कर प्रभावित किसानों व बागवानों का बकाया भुगतान करवाया जाए तथा मण्डियों में किसानों व बागवानों का शोषण रोकने के लिए एपीएमसी अधिनियम, 2005 के प्रावधानों को तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए। यदि सरकार समय रहते इन मांगों पर ठोस कार्यवाही नहीं करती है तो किसान संघर्ष समिति किसानों व बागवानों को संगठित कर आंदोलन करेगी। 1 जून, 2019 को नारकंडा में प्रातः 11 बजे किसान संघर्ष समिति की बैठक आयोजित की जाएगी जिसमें आगामी कार्यो पर चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा।