आय से अधिक संपत्ति के मामले में वीरभद्र सिंह को अभी बेल मिले दो दिन भी नहीं हुए थे कि एक और विवाद ने उनका दरवाजा खटखटा दिया है। नए विवाद में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का नाम मंगलवार सुबह गिरफ्तार हुए तिलकराज शर्मा से जोड़ा जा रहा है। तिलक राज वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के इंडस्ट्री विभाग में जॉइंट सेक्रेटरी हैं और उनके तार प्रदेश सरकार के बड़े-बड़े नेताओं से जुड़ रहे हैं। इनमें मुख्यमंत्री का नाम भी शामिल है।
बीजेपी नेता अरुण धूमल ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट डाली है जिसमें उन्होंने वीरभद्र सिंह और तिलकराज के बीच लेन-देन वाले संबंध का आरोप लगाए हैं। अरुण धूमल ने अपने वॉल पर लिखा है,
“जिस दोपहर मुख्यमंत्री की बेल हुई उसी शाम को हिमाचल का एक अधिकारी सी॰बी॰आई॰ द्वारा गिरफ़्तार किया गया और सीबीआई की एफ़आईआर में यह लिखा है कि पैसा मुख्यमंत्री के दिल्ली आवास पर तैनात उस रघुवंशी को देने थे जिनके हस्ताक्षर हॉली लॉज के फ़र्ज़ी किरायेनामे पर भी थे।”
धूमल ने अपने पोस्ट में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को नसीहत देते हुए उनके परिवार को जेल की सलाखों के पीछे जाने की भविष्यवाणी भी की है. धूमल ने लिखा है,
”राजा साहब आप अपनी उम्र और स्वास्थ्य का हवाला देकर और रानी साहिबा महिला होने का हवाला देकर शायद बच जाएँ, पर आपके राजकुमार यानी बुशहर राजघराने के अगले चिराग़ का हवाला के चक्कर में भविष्य तिहाड़ में अन्धकारमय होता नज़र आ रहा है।
आनंद भी जेल में, तिलक भी जेल में – अब अगला कौन ? केवल चंद दिनों का इंतज़ार कीजिए, जल्द ही आप सब को पता चलेगा !!!”
अरुण धूमल ने एफआईआर की कॉपी भी अपने पोस्ट में टैग की है और दावा किया है कि इसके पूरी ऑथेंटिसिटी का दावा किया है। एफआईआर के मुताबिक तिलकराज काफी दिनों से सीबीआई के निशाने पर थे और उनके हर-एक गतिविधि पर सीबीआई की नज़र थी। आखिरकार पुख्ता सबूत मिलने के बाद ही उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। तिलकराज के अन्य कई बड़े राजनेताओं के साथ भी संपर्क होने की बात कही जा रही है।