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निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ उतरे अभिभावक, उच्चतर शिक्षा निदेशक को सौंपा 24 सूत्रीय मांग पत्र

पी. चंद, शिमला |

निजी स्कूलों की लूट और भारी फीस वृद्धि के खिलाफ छात्र अभिभावक मंच ने तीसरे चरण का आंदोलन शुरू कर दिया है । शिमला शिक्षा निदेशालय के बाहर छात्र अभिभावक मंच ने सरकार और शिक्षा विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और निजी स्कूलों की फीस को रेगुलेट करने के लिए प्रदेश में फीस रेगुलेटरी कमिशन के गठन की मांग की। छात्र अभिभावक मंच का सीधा आरोप है कि निजी स्कूल छात्रों से एजुकेशन टूर और पिकनिक के नाम पर भारी पैसे लूट रहे हैं। फीस में भी हर साल भारी वृद्धि की जा रही है जिससे आम आदमी का स्कूल में बच्चे पढ़ाना पहुंच से बाहर होता जा रहा है।

 छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंदर मेहरा ने बताया कि निजी स्कूलों में शिक्षा के नाम पर लूट चल रही है जिसमें कुछ अधिकारियों का संरक्षण भी निजी स्कूलों को है।अभिभावक मंच ने निदेशक उच्चतर शिक्षा से मांग की है कि 18 मार्च, 8 अप्रैल और 4 मई को शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी की गई अधिसूचनाओं को लागू करवाएं अन्यथा आंदोलन को उग्र किया जाएगा। मंच ने विभाग को चेतावनी दी है कि अगर विभाग ने मांगो पर गौर नहीं किया तो मंच 4 और 5 जुलाई को निदेशालय के बाहर महा धरना करेगा।

विजेंदर मेहरा ने कहा कि निदेशालय ने 4 मई को जो पत्र 96 निजी स्कूलों को निकालकर दूसरी तिमाही में वर्ष 2019 की बढ़ी हुई फीस अभिभावकों को वापिस करने व समायोजित करने के आदेश दिए हैं,उसे सख्ती से लागू करवाया जाए और फीस कटौती की अधिसूचना 96 स्कूलों के बजाए सभी 2700 स्कूलों पर लागू हो ताकि सभी छात्रों और अभिभावकों को न्याय मिल सके।

विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि कुल 2700 स्कूलों में से केवल 96 स्कूलों को फीस कटौती अथवा समायोजन का नोटिस निकालने से स्पष्ट है कि फीसों को तर्कसंगत बनाने के नाम पर शिक्षा निदेशालय के अधिकारी केवल खानापूर्ति करना चाहते हैं जोकि मंच को कतई मंज़ूर नहीं है।मंच ने उच्चतर शिक्षा निदेशक को चेताया है कि अगर निजी स्कूलों की मनमानी, लूट और भारी फीसों पर शिकंजा नहीं कसेंगे तो मंच को मजबूरन शिक्षा निदेशालय की घेराबंदी करनी पड़ेगी। मंच मुख्यमंत्री को भी निजी स्कूलों की लूट से अवगत करवाएगा। अभिभावक मंच ने उच्चतर शिक्षा निदेशक को 24 सूत्रीय मांग पत्र सौंपकर निजी स्कूलों पर नकेल कसने की मांग की है।