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लोकतंत्र हार गया कहना जनता का अपमान: PM मोदी

समाचार फर्स्ट डेस्क |

राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भी जवाब दिया। पीएम मोदी ने कहा कि इस बार का चुनाव बेहद खास रहा है। देशवासियों ने दोबारा सेवा का मौका देकर देश की स्थिरता को बल दिया है। कई सालों बाद दोबारा बहुमत की सरकार बनी है।

पीएम ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा अहंकार की सीमा होती है। लोकतंत्र हार गया कहना जनतंत्र का अपमान है। अगर ऐसा है तो क्या वायनाड और बरेली में भी लोकतंत्र हार गया है ? पीएम ने भाषण के दौरान कहा कि कांग्रेस 17 राज्यों में एक भी सीट नहीं जीत पायी। विपक्ष द्वारा किसानों को बिकाऊ कहकर उनका अपमान किया गया। ऐसा कहने वाले लोगों ने देश की जनता को कटघरे में ला दिया।

पीएम ने कहा कि विपक्ष हार गया है तो अब रो रहा है, ये रवैया ठीक नहीं है। उन्होंने देश में मतदाता सूची एक होने की जरुरत बताई। ओडिशा के मतदाताओं का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी विवेक बुद्धि काबिले तारीफ है।

पीएम ने कही ये बड़ी बातें…

– मैं हैरान हूं कि नकारात्मकता और विरोधाभास इस हद तक गया कि शौचालय, स्वच्छता, जनधन, योग का कार्यक्रम और यहां तक की मेक इन इंडिया का भी मजाक उड़ाया गया। हर चीज में देश ने नकारात्मकता को भली-भांति देखा गया है।

– महिला सशक्तिकरण के लिए कांग्रेस को कई बड़े मौके मिले, लेकिन हर बार वो चूक गए। 1950 के दायरे में Uniform Civil Code पर बहस के दौरान वे पहला मौका चूके। इसके 35 साल बाद शाह बानो केस के दौरान एक और मौका गंवाया। अब तीन तलाक बिल के रूप में इनके पास एक और मौका है।

— देश की जनता अपने सपनों के अनुरूप नए भारत की प्रतीक्षा कर रही है और हम सभी को सामूहिक प्रयासों से सामान्य मानवी के सपनों को पूरा करने का प्रयास करना चाहिए।

– कांग्रेस का नाम लिए बिना पीएम मोदी ने कहा कि क्या आपको ओल्ड इंडिया चाहिए- जहां पत्रकार वार्ता में कैबिनेट के निर्णय को फाड़ दिया जाए। जहां पूरी नौसेना को सैर सपाटे के लिए इस्तेमाल लिया जाए। जहां जल थल और नभ हर जगह घोटाले ही घोटाले हों। लेकिन देश की जनता हिन्दुस्तान को पुराने दौर में ले जाने के लिए कतई तैयार नहीं है। क्या हमें वो ओल्ड इंडिया चाहिए जो टुकड़े-टुकड़े गैंग को सपोर्ट करने के लिए पहुंच जाए। जहां इंस्पेक्टर राज हो, जहां इंटरव्यू के नाम पर भ्रष्टाचार हो।

– बिहार में चमकी बुखार से हुईं मौते पर काबू न पाया जाना हमारी विफलता ।