अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा कदम उठाते हुए कहा कि 6 अगस्त से खुली अदालत में सुनवाई होगी। साथ ही कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थता कमेटी कामयाब नहीं हो पाई। मंदिर विवाद पर हिंदू और मुस्लिम पक्षों के बीच आम सहमति बनाने के लिए अयोध्या मध्यस्थता पैनल को 31 जुलाई तक का समय दिया गया था। अयोध्या पर रोजाना सुनवाई ही आखिरी रास्ता है।
जिसके बाद पैनल ने एक सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट पेश की थी। पिछली सुनवाई में अदालत ने कहा था कि उसे तीन सदस्यीय मध्यस्थता पैनल की एक रिपोर्ट मिली है, जिसकी अध्यक्षता शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश एफएमआई कलीफुल्ला कर रहे हैं। पैनल के अन्य दो सदस्य आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू हैं।
मामले की सुनवाई कर रहे संवैधानिक पीठ से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा कि इस मामले से संबंधित हस्तक्षेप और रिट पिटीशन के मामले लंबित हैं। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि हम इस मामले पर विभिन्न पहलुओं पर गौर करेंगे। पहले मामले की सुनवाई शुरू होने दीजिए। मामले की सुनवाई के दौन भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी भी मौजूद रहे।