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प्रदेश में बारिश का कहर जारी, भूस्खलन होने से 255 सड़कें बंद

पी. चंद |

प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से हुए भूस्खलन के कारण 255 सड़कों पर यातायात ठप हो गया। मंडी ज़ोन में सबसे अधिक 123 सड़कें बंद हैं। शिमला ज़ोन में 89, कांगड़ा ज़ोन में 26 और हमीरपुर में 17 सड़कें अवरुद्ध हैं।
सड़कें बंद होने से लोगों को दिक्कतों का भारी सामना करना पड़ रहा है। लोकनिर्माण विभाग द्वारा बंद सड़कों की बहाली के लिए पर्याप्त कर्मचारी व मशीनरी लगाई गई है। बारिश से फिलहाल प्रदेश के लोगों को राहत मिलने के आसार नहीं हैं। मौसम विभाग ने 11, 12 व 13 अगस्त को प्रदेश के मैदानी और मध्य पर्वतीय इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।

भारी बारिश के चलते नदी लाले उफान पर हैं। शिमला, किन्नौर और सिरमौर जिलों में बने तीन बांधों में जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है। सिरमौर में गिरी नदी पर बने जटौन बांध का जलस्तर खतरे के निशान को छू गया है। ऐसे में शुक्रवार को बांध से प्रति घंटा 25 क्यूमिक्स पानी छोड़ना पड़ा है। इसी तरह सतलुज नदी पर बने नाथपा बांध से दो हजार क्यूमिक्स तथा कड़च्छम बांध से 1700 क्यूमिक्स पानी छोड़ा गया है। सतलूज में सिल्ट की मात्रा बढ़ने से दोनों बांधों पर बने पावर प्रोजेक्टों में विद्युत उत्पादन भी ठप्प हो गया है। ऐसे में प्रशासन ने नदी किनारे आने वाली पंचायतों को एहतियात बरतने को कहा है।

शिमला में शुक्रवार को हुई बारिश के कारण मज्याठ इलाके के शिवनगर में कई घरों में मलबा घुस गए। इस घटना में किसी तरह का जानी नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन लोगों को भारी नुकसान हुआ है।  बीते 24 घंटों के दौरान सरकाघाट में सर्वाधिक 120 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। इसके अलावा भोरंज में 114, भराड़ी में 105, पंडोह में 101, काहू में 91, बंजार में 88, बैजनाथ में 85, अघहर में 82, गगल में 78, नैनादेवी में 68, झंडूता में 65 और अम्ब में 59 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि राज्य में अगले 24 घण्टों में भी बारिश का अनुमान है। उन्होंने 11, 12 व 13 अगस्त को राज्य के मैदानी तथा मध्यवर्ती इलाकों में भारी वर्षा की चेतावनी देते हुए अलर्ट जारी किया है।